कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में प्रति लीटर एक रूपए की कटौती करेगी। उन्होंने केंद्र से कहा कि ईंधन की कीमतों पर वह सेस कम करे। वहीं रोज-रोज बढ़ती कीमतों के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका भी दाखिल की गई है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ फिलहाल हमने पेट्रोल और डीजल पर प्रति लीटर एक-एक रूपए कम करने का फैसला किया है। हम केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि वह डीजल और पेट्रोल पर सेस कम करने के बारे में विचार करे।’’ तृणमूल सुप्रीमो ने आरोप लगाया कि भाजपा नीत केंद्र सरकार ने उत्पाद शुल्क में नौ गुना वृद्धि कर दी जबकि वैश्चिक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें घट रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ हमारी सरकार ने इन वर्षों में कभी भी बिक्री कर या सेस नहीं बढ़ाया। ’’
दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका
उधर, पेट्रोल और डीजल की दरों में रोजाना होने वाले बदलाव के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई है। यह याचिका चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन और जस्टिस वीके राव की पीठ के समक्ष लाई गई। पीठ ने इसे बुधवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने की मंजूरी दी। याचिकाकर्ता राष्ट्रीय राजधानी की रहने वाली पूजा महाजन हैं। उन्होंने अदालत से केंद्र सरकार को निर्देश देने को कहा है कि वह पेट्रोल और डीजल को ‘‘ आवश्यक वस्तुएं ’’ माने और पेट्रोलियम उत्पादों के लिए ‘‘ उचित मूल्य’’ तय करें।
अधिवक्ता ए मैत्री के मार्फत दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि सरकार ने तेल उत्पादन कंपनियों (ओएमसी) को पेट्रोल और डीजल की कीमतें मनमाने ढंग से बढ़ाने की ‘‘ परोक्ष ’’ रूप से मंजूरी दे रखी है। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि सरकार यहां पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमतों को कच्चे तेल की दर में वैश्चिक स्तर पर वृद्धि से जोड़कर ‘‘ भ्रामक जानकारी ’’ का प्रसार कर रही है क्योंकि जब कच्चे तेल की कीमत आज के मुकाबले कम थी तब यहां पेट्रोल और डीजल की कीमत कम नहीं हुई। याचिकाकर्ता ने कहा कि उन्होंने जुलाई में भी इसी तरह की याचिका लगाई थी और अदालत ने उसका निबटारा केंद्र को यह कहते हुए कर दिया था कि वह इसे एक प्रस्तुतिकरण माने और फैसला ले।