फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने सरकार के कर बढ़ाने के विरोध में समूचे पेरिस में चल रहे प्रदर्शनों के हिंसक होने से पहुंचे नुकसान का रविवार को जायजा लिया और एक आपात बैठक की। इसमें मैक्रों ने सरकार विरोधी कार्यकर्ताओं से विस्तृत बातचीत करने की घोषणा की। दरअसल, देशभर में पिछले दो हफ्तों से लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं जिनमें सैकड़ों लोग घायल हुये हैं।
हिंसा को खत्म करने के लिए मैक्रों ने प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और शीर्ष सुरक्षा सेवा अधिकारियों के साथ बैठक की। राष्ट्रपति कार्यालय एलिसे पैलेस ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री एडवर्ड फिलिप को प्रदर्शनों के आयोजकों और पार्टियों के नेताओं से मुलाकात करने के लिए कहा गया है। राजधानी पेरिस में प्रदर्शनकारियों के तोड़फोड़ करने से 133 लोगों के घायल होने के बाद यह कदम उठाया गया है। मैक्रों अर्जेन्टीना के ब्यूनस आयर्स में चल रहे जी-20 सम्मेलन से भाग लेकर स्वदेश लौटे हैं।
ताजा आंकड़ों के अनुसार पेरिस पुलिस ने शनिवार को अब तक के सबसे भीषण उपद्रव में शामिल 412 लोगों को गिरफ्तार किया जबकि 378 लोग इसी तरह के मामलों में पहले से हिरासत में हैं। उपद्रव में घायल हुये कुल 133 लोगों में से सुरक्षा बल के 23 सदस्य भी शामिल हैं। इससे पहले मैक्रों ने ब्यूनस आयर्स से लौटने से पहले कहा था कि वह हिंसा को कभी स्वीकार नहीं करेंगे। मैक्रों ने कहा, ‘‘अधिकारियों पर हमले, वाणिज्य-व्यापार में लूटपाट, राहगीरों या पत्रकारों को धमकी देना किसी भी सूरत में तर्कसंगत नहीं हो सकता है।’’
पेरिस में बड़ी संख्या में लोग आपात स्थिति में पहने जाने वाले पीले रंग के जैकेट पहन कर प्रदर्शन कर रहे हैं। ब्यूनस आयर्स में मैक्रों से उनसे फ्रांस में चल रहे प्रदर्शनों पर बार बार सवाल पूछे गये। इस पर उन्होंने कहा, ‘‘इस हिंसा के लिए दोषी लोग बदलाव नहीं चाहते हैं, वे लोग सुधार नहीं चाहते, उन्हें सिर्फ अराजकता चाहिए। वे लोग जिस कारण का समर्थन करने की ढोंग करते हैं, उसे ही धोखा दे रहे हैं।’’ मैक्रों ने कहा, ‘‘उन सभी की पहचान की जाएगी और उन्हें न्याय के दायरे में लाया जाएगा।’’