नई दिल्ली: फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रॉन आज देर शाम अपनी चार दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंचे। नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एयरपोर्ट पर बेहद गर्मजोशी के साथ फ्रांस के राष्ट्रपति का स्वागत किया। पिछले साल दोनों की पेरिस में मुलाकात काफी गर्मजोश थी। फ्रांस का कहना है कि मैक्रॉनइस यात्रा में भारतीय प्रधानमंत्री के साथ कुल मिला कर एक लम्बा समय बिताएंगे।‘‘ दोनों के बीच मैक्रॉन के पहले नौ माह के कार्यकाल में काफी गर्मजोशी वाले संबंध बन गए हैं।’’ शनिवार को मैक्रॉन मोदी बैठक होगी। रविवार को मैक्रॉन सौर बिजली शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।
उनकी इस यात्रा के दौरान दोनों देश विभिन्न क्षेत्रों, खासकर समुद्री सुरक्षा तथा आतंकवाद से निपटने के क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत बनाने पर विशेष रूप से गौर करेंगे। सूत्रों ने यहां कहा कि इस दौरान फ्रांस के सहयोग से बन रहे जैतापुर (महाराष्ट्र) परमाणु बिजली संयंत्र को लेकर भी समझौते पर हस्ताक्षर की उम्मीद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मैक्रोन के बीच कल प्रतिनिधि स्तर की बातचीत में हिंद महासागर में सहयोग बढ़ाने का मुद्दा प्राथमिकता पर लिया जा सकता है।
संयुक्त सचिव (यूरोप पश्चिम) के नागराज नायडू ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘फ्रांस विशेष रूप से दक्षिण एशिया में आतंकवाद को लेकर भारत के नजरिये का समर्थन करता है। हम नये क्षेत्रों खासकर समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद निरोधक उपाय तथा अक्षय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में दोनों की बढ़ती सहमति देख रहे हैं।’’ इसके अलावा भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक भागीदारी में रक्षा, परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग का मामला शामिल हैं।
नायडू ने कहा, ‘‘अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत और फ्रांस के बीच एक परिपक्व गठजोड़ है और हम इसे नये स्तर ले जाना पसंद करेंगे।’’ भारत और फ्रांस के बीच अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग पांच दशक से भी पुराना है। परंपरागत क्षेत्रों के अलावा अक्षय ऊर्जा, उच्च गति वाली ट्रेन और व्यापार में सहयोग बढ़ाने पर भी जोर होगा।
मोदी के साथ कल प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद मैक्रोन विद्यार्थियों के साथ एक खुली चर्चा में शामिल होंगे । इसमें विभिन्न स्तर के करीब 300 छात्रों के भाग लेने की उम्मीद है।उसी दिन वह ‘ज्ञान सम्मेलन ’ में भी भाग लेंगे। इसमें दोनों पक्षों के 200 से अधिक शिक्षाविद शामिल होंगे। इस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति मैक्रोन अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) के शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। आईएसए भारत और फ्रांस की संयुक्त पहल का परिणाम है।
आईएसए शिखर सम्मेलन में कई देशों एवं सरकार के प्रमुखों के शामिल होने की संभावना हैं इसमें ठोस परियोजनाओं पर जोर दिये जाने की संभावना है। उसी दिन वह ताज महल देखने जाएंगे। राष्ट्रपति मैक्रोन 12 मार्च को वाराणसी भी जाएंगे। वाराणसी प्रधानमंत्री मोदी का लोकसभा क्षेत्र है। प्रधानमंत्री के साथ वह उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में सौर संयंत्र का उद्घाटन करेंगे।