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JNU हिंसा के विरोध में प्रदर्शन के दौरान मुंबई में दिखा 'फ्री कश्मीर' का पोस्टर, मचा सियासी बवाल

मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में हिंसा के विरोध में प्रदर्शन के नाम पर कल जो हुआ उसे देखकर पूरा देश देखकर हैरान, सन्न और गुस्से में है। प्रदर्शन के नाम पर देश विरोधी नारे लगाए जा रहे थे और देश को बांटने की साजिश चल रही थी।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published : January 07, 2020 6:47 IST
JNU हिंसा के विरोध में प्रदर्शन के दौरान मुंबई में दिखा 'फ्री कश्मीर' का पोस्टर, मचा सियासी बवाल
JNU हिंसा के विरोध में प्रदर्शन के दौरान मुंबई में दिखा 'फ्री कश्मीर' का पोस्टर, मचा सियासी बवाल

नई दिल्ली: मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में हिंसा के विरोध में प्रदर्शन के नाम पर कल जो हुआ उसे देखकर पूरा देश हैरान, सन्न और गुस्से में है। प्रदर्शन के नाम पर देश विरोधी नारे लगाए जा रहे थे और देश को बांटने की साजिश चल रही थी। टुकड़े-टुकडे़ गैंग की महिला ब्रिगेड पोस्टर लहरा रही थी। जेएनयू में हुई हिंसा के विरोध के नाम पर कश्मीर की आजादी के नारे उछाले जा रहे थे। प्रदर्शन के दौरान 'फ्री कश्मीर' लिखे पोस्टर देखे गए।

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जैसे ही ये तस्वीर सुर्खियों में आई, आंदोलन का रंग बदल गया। महाराष्ट्र की सियासत हैरान थी कि मुंबई में 'फ्री कश्मीर' के पोस्टर को लहराने की आजादी किसने दी। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट करके उद्धव सरकार से सवाल पूछा कि ये प्रदर्शन किस लिए है। फ्री कश्मीर के पोस्टर क्यों हैं? हम मुंबई में ऐसे अलगाववादी तत्वों को कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय से 2 किमी दूर आजादी गैंग फ्री कश्मीर के नारे लगा रही है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे क्या आप ऐसे अभियान को बर्दाश्त करेंगे?

देवेंद्र फडणवीस के सवालों का जवाब किसी ने नहीं दिया। शाम तक उद्धव ठाकरे यही बोल रहे थे कि जेएनयू की तस्वीर देखकर मुंबई हमले की याद आ गई लेकिन उनके सूब में जो पोस्टर लहराया जा रहा उसे लेकर हर तरफ सन्नाटा है। टुकड़े टुकड़े गैंग के ये लोग गेटवे ऑफ इंडिया में घूमते रहे। ना किसी ने रोका, ना किसी ने टोका। पहली बार उस महाराष्ट्र में 'फ्री कश्मीर' का पोस्टर लहरा रहा था, जहां बाल ठाकरे के बेटे की सरकार है।

बाल ठाकरे जब तक रहे तब तक कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के समर्थक रहे। जिस रैली में देश के खिलाफ नारेबाजियों की ये पटकथा लिखी जा रही थी, वहां से सिर्फ और सिर्फ दो किलोमीटर पर मुख्यमंत्री रहते हैं लेकिन सबके सब धृतराष्ट्र बन गए थे। ये सब देखकर कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने ही सरकार से सवाल पूछ लिया।

निरुपम ने कहा, “छात्र आंदोलन को बदनाम कर सकते हैं, आंदोलन गुमराह हो सकता है, आंदोलनकारियों को सावधानी बरतनी पड़ेगी। जेएनयू हिंसा का कश्मीर की आज़ादी से क्या रिश्ता? कौन हैं ये लोग? किसने गेटवे पर भेजा इन्हें? बेहतर होगा, सरकार इसकी जांच कराए।“

आंदोलन खत्म होते-होते लोग ये समझ चुके थे कि हजारों की भीड़ के जुटने का मकसद क्या था। देश के गेटवे ऑफ इंडिया पर टुकड़े टुकड़े गैंग वाले आजाद कश्मीर की पतिकाएं लहरा रहे थे। कांग्रेस ने उद्धव सरकार से कहा है, जांच कीजिए, बीजेपी ने कहा सच का पता लगाइये।

बता दें कि सोमवार की शाम हुतात्मा चौक से गेटवे ऑफ इंडिया के लिए जॉइंट ऐक्शन कमिटी फॉर सोशल जस्टिस के नेतृत्व में निकाले गए इस मार्च में सैकड़ों लोग शमिल हुए। तकरीबन एक घंटे के बाद हुतात्मा चौक से निकली रैली गेटवे ऑफ इंडिया पहुंची थी। रैली में स्टूडेंट्स, अलग-अलग सामाजिक संस्थाओं के अलावा फिल्म इंडस्ट्री की कई हस्तियां भी शामिल हुईं। गेटवे ऑफ इंडिया पर हुए विरोध प्रदर्शन में अनुभव सिन्हा, अनुराग कश्यप, दीया मिर्जा, जोया अख्तर, राहुल बोस, विशाल भारद्वाज, तापसी पन्नू भी पहुंचे।

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