Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. फ्रांसीसी अखबार का खुलासा- राफेल सौदे के ऐलान के बाद अनिल अंबानी की कंपनी का 14.37 करोड़ यूरो का टैक्स माफ

फ्रांसीसी अखबार का खुलासा- राफेल सौदे के ऐलान के बाद अनिल अंबानी की कंपनी का 14.37 करोड़ यूरो का टैक्स माफ

फ्रांस ने 36 राफेल विमानों की खरीद की भारत की घोषणा के बाद अनिल अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस कम्युनिकेशन्स की एक अनुषंगी के 14.37 करोड़ यूरो का कर माफ किया था।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : April 13, 2019 22:47 IST
Anil Ambani
Anil Ambani

नयी दिल्ली: फ्रांस के प्रतिष्ठित अखबार ‘ले मोंड’ ने शनिवार को खुलासा किया कि 36 राफेल विमानों के खरीद की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के कुछ महीने बाद फ्रांस ने उद्योगपति अनिल अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस कम्युनिकेशन्स की एक सहयोगी कंपनी के 14.37 करोड़ यूरो का कर माफ कर दिया था। लोकसभा चुनावों के बीच हुए इस खुलासे से राफेल करार के मुद्दे में नया मोड़ आ गया है। नयी दिल्ली स्थित फ्रांसीसी दूतावास ने एक बयान में कहा कि फ्रांस के कर प्राधिकरणों तथा दूरसंचार कंपनी रिलायंस फ्लैग के बीच 2008 से 2012 तक के कर विवाद मामले में वैश्विक सहमति बनी थी। विवाद का समाधान कर प्रशासन की आम प्रक्रिया के तहत विधायी एवं नियामकीय रूपरेखा का पूरी तरह पालन करते हुए निकाला गया था। हालांकि, भारतीय रक्षा मंत्रालय ने कहा कि कर के मुद्दे और राफेल करार के बीच किसी तरह के संबंध जोड़ना पूरी तरह ‘‘गलत’’ और ‘‘जानबूझकर’’ की जा रही हरकत है। 

Related Stories

फ्रांसीसी अखबार की खबर के मुताबिक, मोदी की ओर से पेरिस में राफेल करार का ऐलान किए जाने के छह महीने बाद अक्टूबर 2015 में फ्रांस के कर अधिकारियों ने निपटारे के तौर पर रिलायंस फ्लैग अटलांटिक फ्रांस से 7.3 मिलियन यूरो की धनराशि स्वीकार कर ली जबकि शुरआती मांग 151 मिलियन यूरो की थी। मुद्रा विनिमय की मौजूदा दर के मुताबिक, माफ किए गए कर की राशि करीब 1,123 करोड़ रुपए है। रिलायंस फ्लैग के पास फ्रांस में एक टेरेस्ट्रीयल केबल नेटवर्क और दूरसंचार संबंधी अन्य आधारभूत ढांचे के कारोबार का स्वामित्व है। फ्रांसीसी अखबार के इस खुलासे के बाद कांग्रेस ने राफेल करार को लेकर मोदी सरकार पर अपना हमला तेज कर दिया।

पार्टी ने आरोप लगाया कि मोदी के ‘‘आशीर्वाद’’ के कारण रिलायंस को कर माफी मिली और उन्होंने अंबानी के लिए ‘‘बिचौलिये’’ का काम किया। रिलायंस कम्युनिकेशन ने इस खबर पर अपनी प्रतिक्रिया में किसी भी तरह के गलत काम से इनकार किया। कंपनी ने कहा कि कर विवाद को कानूनी ढांचे के तहत निपटाया गया। उन्होंने कहा कि फ्रांस में काम करने वाली सभी कंपनियों के लिए इस तरह का तंत्र उपलब्ध है। पेरिस में 10 अप्रैल 2015 को फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद से बातचीत के बाद मोदी ने 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद की घोषणा की थी। इस बाबत अंतिम करार 23 सितंबर 2016 को हुआ था। 

कांग्रेस अनिल अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस डिफेंस को दसाल्ट एविएशन का ऑफसेट साझेदार बनाने को लेकर भी सरकार पर हमालवर है। हालांकि, सरकार ने इन आरोपों को खारिज किया है। फ्रांसीसी दूतावास ने कहा कि फ्रांस के कर प्राधिकरणों तथा रिलायंस की अनुषंगी के बीच कर छूट को लेकर वैश्विक सहमति बनी थी और इसमें किसी भी तरह का राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं किया गया। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि न तो कर रियायत की अवधि और न ही रियायत के विषय का राफेल खरीद से दूर-दूर तक कोई लेना-देना है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘कर के मामले और राफेल मुद्दे के बीच किसी तरह का संबंध स्थापित करना पूरी तरह गलत, जानबूझकर की जा रही हरकत और गलत सूचना फैलाने की शरारत भरी कोशिश है।’’ फ्रांसीसी अखबार ने कहा कि फ्रांस के कर अधिकारियों ने कंपनी की जांच की और पाया कि 2007 से 2010 की अवधि के दौरान उसे कर के तौर पर 60 मिलियन यूरो चुकाने हैं। 

बहरहाल, मामले के निपटारे के लिए रिलायंस ने 76 लाख यूरो की पेशकश की लेकिन फ्रांस के अधिकारियों ने यह राशि स्वीकार करने से इनकार कर दिया। अधिकारियों ने 2010-12 की अवधि के लिए भी जांच की और उसे कर के रूप में 9.1 करोड़ यूरो के भुगतान का निर्देश दिया। अप्रैल 2015 तक रिलायंस को फ्रांस के अधिकारियों को 15.1 करोड़ यूरो का कर देना था। हालांकि, पेरिस में मोदी द्वारा राफेल सौदे की घोषणा के छह महीने बाद फ्रांसीसी अधिकारियों ने अंबानी की कंपनी की 7.3 मिलियन यूरो की पेशकश स्वीकार कर ली, जबकि शुरुआती मांग कम से कम 151 मिलियन यूरो की थी। 

रिलायंस कम्युनिकेशन्स के एक प्रवक्ता ने बताया कि कर की मांग 'पूरी तरह अमान्य और गैर-कानूनी थी।' कंपनी ने किसी तरह के पक्षपात या सुलह से किसी तरह के फायदे की बात से भी इनकार किया। अधिकारी ने कहा, ‘‘फ्रांसीसी कर अधिकारियों की ओर से विचार की अवधि 2008-2012, यानी करीब 10 साल पहले, फ्लैग फ्रांस को 20 करोड़ रुपए का संचालन घाटा हुआ था। फ्रांसीसी कर अधिकारियों ने उस अवधि के लिए कर के तौर पर करीब 1100 करोड़ रुपए की मांग की थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘फ्रांसीसी कर निस्तारण प्रक्रिया के मुताबिक, कानूनन अंतिम निपटारे के तौर पर 56 करोड़ रुपए के भुगतान के लिए एक परस्पर निस्तारण समझौते पर दस्तखत किए गए।’’ फ्रांसीसी अखबार के खुलासे के बाद कांग्रेस ने राफेल करार को लेकर मोदी पर हमला तेज कर दिया। 

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि फ्रांस के प्रतिष्ठित अखबार 'ले मोंड’ की रिपोर्ट से 'मनी ट्रेल (धन की लेनदेन का सिलसिला)' का खुलासा हो गया है और यह साबित हो गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने राफेल मामले में 'अनिल अंबानी के बिचौलिये' का काम किया। सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, '' फ्रांस के अखबार में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। क्या मनी ट्रेल सामने आ गई है? क्या मोदी अपने मित्र डबल ए (अनिल अंबानी) के बिचौलिये के रूप में काम कर रहे हैं? क्या अब चौकीदार की चोरी पकड़ी गई है? '' उन्होंने कहा, ''23 मार्च 2015 को पेरिस जाकर वहां के रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों से मिलते हैं। उस वक्त ऑफसेट साझेदार एचएएल थी। बाद में मोदी जी जाते हैं और सौदे को बदल देते हैं। 

21 सितंबर 2018 को फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद कहते हैं कि हमारे पास अनिल अंबानी के अलावा कोई विकल्प नहीं था।'' सुरजेवाला ने दावा किया, ''2017-18 में डबल ए की कंपनी मे दसाल्ट ने 284 करोड़ रुपये डाल दिए।'' उन्होंने कहा, ''नयी कड़ी है कि 'रिलायंस अटलांटिक फ्लैग फ्रांस' की स्वामित्व वाली कंपनी रिलायंस गलोबल कॉम बरमूडा में पंजीकृत है। फ्रांस में रिलायंस अटलांटिक फ्लैग से 15 करोड़ यूरो के कर की मांग हुई।'' सुरजेवाला ने कहा, ''10 अप्रैल 2015 को मोदी फ्रांस जाते हैं और 36 विमान खरीदने का सौदा करते हैं। इसके कुछ दिन बाद ही 14 करोड़ यूरो से अधिक का कर माफ कर दिया जाता है।'' उन्होंने दावा किया, ''यह मोदी जी की कृपा है। मोदी जी की कृपा जिस पर हो जाए उसका कुछ भी सकता है। मोदी है तो मुमकिन है।'' 

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement