नई दिल्ली: परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (NSG) में भारत के प्रवेश पर चीन के कड़े विरोध के बीच फ्रांस ने आज नयी दिल्ली का पुरजोर समर्थन करते हुए कहा कि इससे परमाणु प्रसार के खिलाफ वैश्विक प्रयास मजबूत होंगे और सदस्य देशों को सोल में होने वाले पूर्ण अधिवेशन में सकारात्मक फैसला लेना चाहिए।
48 सदस्यीय एनएसजी के प्रमुख सदस्य देश फ्रांस ने कहा कि परमाणु नियंत्रण व्यवस्थाओं में भारत की सहभागिता संवेदनशील वस्तुओं के निर्यात को बेहतर तरीके से नियंत्रित करने में मदद करेगी, चाहे वे परमाणविक हों, रासायनिक हों, जैविक हों, बैलिस्टिक हों या परंपरागत सामग्री और प्रौद्योगिकी हों।
फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, फ्रांस मानता है कि चार बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्थाओं (एनएसजी, एमटीसीआर, द ऑस्ट्रेलिया गु्रप और द वासेनार अरेंजमेंट) में भारत का प्रवेश परमाणु प्रसार से लड़ने में अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को मजबूत करेगा।
मंत्रालय ने कहा, एनएसजी में पूर्ण रूपेण सदस्य के तौर पर भारत के प्रवेश के सक्रिय और दीर्घकालिक समर्थन की दिशा में फ्रांस सोल में 23 जून को मिल रहे इसके सदस्यों से सकारात्मक निर्णय लेने का आह्वान करता है। बयान में यह भी उल्लेख है कि 1998 से रणनीतिक साझेदार फ्रांस और भारत जनसंहार के हथियारों के अप्रसार और उनकी आपूर्ति व्यवस्था के संबंध में समान लक्ष्य साझा करते हैं।