नयी दिल्ली: फ्रांस ने बुधवार को भारत को एशिया में अपना ‘‘अग्रणी’’ सामरिक साझेदारी करार दिया और कहा कि उनकी रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली की आसन्न यात्रा का मकसद भारत के साथ ‘दूरगामी’ प्रभाव वाले रक्षा सहयोग को और मजबूत बनाना है। पार्ले बृहस्पतिवार को भारत आ रही हैं जहां वह अंबाला में एक समारोह में हिस्सा लेंगी जिसमें पांच राफेल विमान के पहले दस्ते को भारतीय वायु सेना में शामिल किया जायेगा । फ्रांस की रक्षा मंत्री अपने भारतीय समकक्ष राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल के साथ वार्ता भी करेंगी।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि फ्रांस की रक्षामंत्री फ्लोरेंस पार्ली को दिल्ली आगमन पर सम्मान स्वरूप सलामी गारद दी जाएगी। फ्रांस से पांच राफेल विमानों की पहली खेप जुलाई के अंतिम सप्ताह में भारत पहुंची थी। इस उद्देश्य के लिये करीब चार वर्ष पहले फ्रांस के साथ 36 विमानों की खरीद के लिये भारत ने फ्रांस के साथ अंतर सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किये थे जिसकी कुल लागत 59 हजार करोड़ रूपये थी।
फ्रांस के दूतावास के बयान के अनुसार, इस बातचीत का केन्द्र हिन्द प्रशांत क्षेत्र में नौवहन सुरक्षा, आतंकवाद के खिलाफ सहयोग और सम्पूर्ण द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को मजबूत बनाना होगा । दूतावास ने कहा, ‘‘ इनके बीच विविध विषयों पर चर्चा होगी जिसमें औद्योगिक एवं प्रौद्योगिकी गठजोड़ शामिल है जो मेक इन इंडिया कार्य्रक्रम के अनुरूप होगा । इसके साथ परिचालनात्मक रक्षा सहयोग खास तौर पर हिन्द प्रशांत में नौवहन सुरक्षा, कोविड-19 की पृष्ठभूमि में सशस्त्र बलों के संयुक्त अभ्सास को लेकर रूपरेखा बनाने तथा महत्वपूर्ण क्षेत्रीय एवं अंतररष्ट्रीय सामरिक मुद्दों पर भी चर्चा होगी। ’’
इसमें कहा गया है कि दोनों पक्ष फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच भारत फ्रांस साझेदारी को सामरिक स्वायत्ता के साथ और गहरा बनाने एवं विस्तार देने तथा बहुध्रुवीय व्यवस्था से जुड़े फैसले को आगे ले जाने के बारे में चर्चा करेंगे। दूतावास के अनुसार, वर्ष 2017 के बाद से पार्ली की यह भारत की तीसरी यात्रा है और कोरोना वायरस फैसने के बाद पहली आधिकारिक यात्रा में शामिल है।
फ्रांस की रक्षा मंत्री के साथ दसां एविएशन के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी एरिक ट्रैपीयर और एमबीडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एरिक बेरांगर , थेलेस ग्रूप, सैफ्रन के अधिकारी भी आयेंगे जो फ्रांस की अग्रणी रक्षा कंपनियों का प्रतिनिधित्व करते हैं और राफेल सौदे के तहत कई भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी कर रहे हैं।
राफेल विमान का निर्माण दसां एविएशन ने किया है और इसे बृहस्पतिवार को राजनाथ सिंह, पार्ली के अलावा प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया एवं शीर्ष सैन्य अधिकारियों की मौजूदगी में अंबाला वायु सेना अड्डे पर एक समारोह में भारतीय वायु सेना में शामिल किया जायेगा। वहीं, ट्विटर पर पोस्ट एक वीडियो संदेश में फ्रांस के राजदूत इमैनुअल लेनेन ने दोनों देशों के बीच सामरिक गठजोड़ के बारे में चर्चा की और पार्ली की यात्रा को द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने की दिशा में एक और कदम बताया।
फ्रांस की रक्षा मंत्री अपनी यात्रा के दौरान राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में राष्ट्रीय समर स्मारक में भारत के वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगी। गौरतलब है कि भारत और फ्रांस के बीच पिछले कुछ वर्षो के दौरान कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग में विस्तार हुआ है। रक्षा एवं सुरक्षा, असैन्य परमाणु सहयोग, कारोबार एवं निवेश भारत फ्रांस सामरिक साझेदारी के आधार हैं। भारत और फ्रांस ने हिन्द महासागर क्षेत्र, जलवायु परिवर्तन, सतत विकास और वृद्धि जैसे नये क्षेत्रों में भी सहयोग किया है।
वहीं रक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, अंबाला नौसैनिक अड्डे में राफेल विमान का औपचारिक अनावरण पारंपरिक रूप से आयोजित सर्व धर्म पूजा के साथ किया जाएगा। इस मौके पर राफेल विमान हवाई करतब दिखाएंगे जिसमें तेजस विमान के साथ सारंग एयरोबेटिक टीम भी शामिल होगी। इसके बाद में, राफेल विमान को पारंपरिक तरीके से वाटर कैनन की सलामी दी जाएगी। समारोह का समापन वायुसेना के 17वें स्क्वाड्रन में राफेल विमान को विधिवत शामिल किए जाने के साथ होगा।