भारत की प्रतिरक्षा के लिए बेहद जरूरी माने जा रहे राफेल विमान सही समय पर भारत को मिलेंगे। फ्रांस ने साफ किया है कि इन विमानों की भारत को होने वाली सप्लाई में कोई भी देरी नहीं होगी। बता दें कि फ्रांस और भारत के बीच 36 राफेल विमानों की खरीद के लिए समझौता हुआ है। फ्रांस के अनुसार इन 36 राफेल विमानों की खरीद में किसी प्रकार की कोई देरी नहीं होगी। इसके लिए जो समय सीमा निर्धारित हुई है उसका पालन किया जा रहा है।
फ्रांस के राजदूत एमानुअल लेनाइन ने बताया कि भारत को इन 36 विमानों की सप्लाई नियत अवधि के भीतर कर ली जाएगी। भारत और फ्रांस की सरकार के बीच राफेल विमानों की खरीद के लिए सितंबर 2016 में करार हुआ था। इस करार के तहत भारत 58000 करोड़ रुपए की लागत के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदेगा। बता दें कि राफेल सौदे और विमान की कीमत को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा सरकार पर कई आरोप लगाए थे। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने भी इन दावों को गलत पाते हुए सरकार को क्लीन चिट दी थी।
जुलाई अंत में फ्रांस से आएगी 4 लड़ाकू विमानों की पहली खेप
राफेल लड़ाकू विमान इस साल जुलाई के अंत तक फ्रांस से भारत पहुंचना शुरू हो जाएंगे। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक जुलाई के अंत तक फ्रांस से 4 विमानों की पहली खेप भारत पहुंच जाएगी। बता दें कि विमान पहले मई अंत तक भारत आने वाला था, लेकिन कोरोना वायरस के कारण इसे दो महीने के लिए स्थगित कर दिया गया। ये एयरक्रॉफ्ट पंजाब के अंबाला एयरबेस पर उतरेंगे। समाचार एजेंसी एएनआई ने रक्षा सूत्रों के हवाले से बताया कि भारत आने वाले इन चार राफेल लड़ाकू विमानों में से तीन राफेल विमान दो सीट वाले ट्रेनर एयरक्राफ्ट होंगे जबकि एक लड़ाकू विमान एक सीट वाला फाइटर एयरक्राफ्ट होगा। बताया जा रहा है कि ये चारों राफेल विमान जुलाई के अंत से अंबाला एयरबेस पर पहुंचना शुरू हो जाएंगे। ये लड़ाकू विमान आरबी सीरिज के होंगे। सूत्रों का कहना है कि पहले लड़ाकू विमान को उड़ाने की योजना तैयार कर ली गई है। पहला राफेल फ्रांस के पायलट के साथ 17 गोल्डेन एरोज के कमांडिंग ऑफिसर उड़ाएंगे।