नयी दिल्ली: राष्ट्रीय औषध मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने आज कहा कि गुरूग्राम स्थित फोर्टिस हास्पिटल ने डेंगू के एक मरीज के इलाज में काम आई दवाओं व अन्य उपभोज्य सामानों पर 1700 प्रतिशत तक अधिक मार्जिन वसूला। इस रोगी का बाद में निधन हो गया था। नियामक ने कहा है कि फोर्टिस मैमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरूग्राम ने एक ‘थ्रीवे स्टाप कॉक’ के क्रय मूल्य पर 1737 प्रतिशत तक का मार्जिन वसूला।
इसी तरह उपभोज्य सामग्री का क्रय मूल्य जहां 5.77 रुपये था, अस्पताल ने उसके लिए 106 रुपये प्रति इकाई वसूले। यहां उपभोज्य सामग्री में सीरिंज, दस्ताने व तौलिया आदि शामिल है। यह मामला सात साल की एक बच्ची की डेंगू से हुई मौत से जुड़ा है। अस्पताल पर बच्ची के परिवार से अनाप शनाप बिल वसूलने का आरोप है। एनपीपीए ने फोर्टिस हेल्थकेयर से कहा था कि वह इस मामले में बिलों की प्रति उपलब्ध करवाए।
एनपीपीए ने एक और उदाहरण में कहा है कि इस अस्पताल ने डोटामिन 200 एमजी की प्रति इकाई 287.50 रुपये में बेची जबकि इसकी क्रय मूल्य केवल 28.35 रुपये है। यानी अस्पताल ने इस दवा पर 914 प्रतिशत मार्जिन वसूला।
गौरतलब है कि सितंबर में गुरूग्राम के फोर्टिस अस्पताल ने दिल्ली के द्वारका में रहने वाले जयंत सिंह की डेंगु से पीड़ित 7 साल का बेटी की अस्पताल में दो हफ्ते के इलाज के बाद मौत हो जाने पर उन्हें को 16 लाख का बिल थमा दिया था जिसकी शिकायत के बाद फोर्टिस अस्पताल जांच के घेरे में आ गया।