नयी दिल्ली: नेशनल कॉन्फ्रेंस के पूर्व विधायक अल्ताफ अहमद वानी को दुबई जाने वाली एक उड़ान में चढ़ने से रोक दिया गया। जम्मू कश्मीर के 33 नेताओं का नाम विदेश यात्रा पर प्रतिबंध वाली सूची में है। सरकारी सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती का नाम इस फेहरिस्त में नहीं है। इसमें अलग-अलग पार्टियों के पूर्व विधायकों और पूर्व मंत्रियों के नाम हैं। वानी को बृहस्पतिवार की शाम दुबई की उड़ान में चढ़ने से रोका गया, जहां उन्हें एक पारिवारिक कार्यक्रम में शिरकत करनी थी।
उन्होंने कहा, ‘‘अधिकारियों की वजह से मेरे पास अब कोई सामान नहीं बचा है, क्योंकि मेरा सामान मेरे परिवार के साथ चला गया है।’’ पहलगाम के पूर्व विधायक ने कहा, ‘‘मैं बृहस्पतिवार दोपहर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंचा। वहां पहुंचने पर आव्रजन अधिकारी इस बहाने से मुझे एक कमरे में ले गए कि मेरे पासपोर्ट में कुछ खामी है।’’
वानी ने बताया कि करीब तीन घंटे बाद भी इसे लेकर स्पष्टता नहीं थी कि उन्हें क्यों रोका गया है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपने परिवार को जाने के लिए समझाया और आव्रजन अधिकारियों से आग्रह किया कि मुझे (मसला) बताने का आग्रह करें।’’ वानी ने कहा, ‘‘करीब तीन घंटे बाद मेरा पासपोर्ट मुझे लौटा दिया गया और मैं दिल्ली में अपने घर आ गया।’’
पूर्व विधायक ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि वह मार्च 2021 तक यात्रा नहीं कर सकते हैं। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पिछले साल पांच अगस्त के बाद करीब 37 लोगों की सूची सौंपी थी। पांच अगस्त 2019 को ही जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म किया गया था और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटा गया था।
सूची में नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, जेके पीपल्स कॉन्फ्रेंस के नेताओं के नाम हैं। इनमें अली मोहम्मद सागर, अब्दुल रहीम राठेर, नईम अख्तर, सज्जाद लोन, उनके भाई बिलाल लोन, वानी और बशारत बुखारी समेत अन्य हैं। सूत्रों ने बताया कि सूची शुरू में तीन महीने के लिए वैध थी लेकिन बाद में एक समीक्षा के बाद इसकी वैधता को बढ़ा दिया गया। बहरहाल सूची में अब 33 नाम है। इनमें जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के प्रमुख अल्ताफ बुखारी समेत इसका गठन करने वाले कुछ नेताओं के नाम लुक आउट नोटिस से हटा लिए गए थे।