इम्फाल: मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री ओ इबोबी सिंह ने ‘‘मणिपुर डेवलपमेंट सोसाइटी’’ में कथित वित्तीय अनियमितता को लेकर सीबीआई द्वारा पूछताछ किये जाने के बाद बुधवार को कहा कि वह इसके अध्यक्ष पद पर सिर्फ एक साल थे और वित्तीय लेन-देन करने की उनके पास कोई शक्ति नहीं थी। यहां बाबूपारा स्थित अपने आवास में सीबीआई द्वारा करीब तीन घंटे पूछताछ किये जाने के बाद कांग्रेस नेता ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है।
सिंह ने कहा कि वह जुलाई 2013 से अगस्त 2014 तक सोसाइटी के अध्यक्ष थे और उस संक्षिप्त अवधि के दौरान उन्होंने आम सभा की केवल एक बैठक की अध्यक्षता की थी। उन्होंने इन खबरों का खंडन किया कि वह इस पद पर सात-आठ साल थे। उन्होंने कहा कि तत्कालीन मुख्य सचिव के अनुरोध पर उन्होंने यह पदभार संभाला था। सिंह ने कहा, ‘‘सोसाइटी के नियमों के मुताबिक, अध्यक्ष की कोई भूमिका नहीं है। किसी भी तरह का वित्तीय लेन-देन, आवंटन और चेक पर हस्ताक्षर परियोजना निदेशक द्वारा किया जाता है। इसलिए, अध्यक्ष इससे अवगत नहीं हैं। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने सोसाइटी के सिलसिले में कोई बैंक खाता नहीं खोला, एक भी चेक पर कभी हस्ताक्षर नहीं किया। ’’ तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके सिंह और सोसाइटी के चार अन्य पूर्व अध्यक्षों पर 332 करोड़ रुपये की हेराफेरी करने का आरोप है। सिंह ने कहा कि वह जांच का स्वागत करते हैं और इसमें पूरा सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यदि कोई दोषी पाया जाता है तो अदालत आरोपों की पड़ताल के बाद जरूरी सजा दे सकती है।’’
तीस सैटेलाइट तस्वीरों से गलवान का सच सामने आया, खुली चीन की पोल
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सिंह से पूछताछ मणिपुर में भाजपा नीत सरकार को बचाने की हताशाजनक कोशिश है, जिसे हाल ही में नौ विधायकों की बगावत का सामना करना पड़ा है। इनमें उसके सहयोगी दल एनपीपी के चार मंत्री भी शामिल हैं। कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने सिंह को एजेंसी द्वारा तलब किये जाने के बाद ट्वीट किया था, ‘‘एक अलोकप्रिय मुख्यमंत्री को बचाने के सारे प्रयास विफल होंगे। यह सारा प्रयास एक डूबते जहाज को बचाने का है। सीबीआई पर से लोगों का विश्वास उठ जाएगा।’’
क्या सियाचिन पाक को सौंपना चाहती थी UPA सरकार? जानिए, पूर्व आर्मी चीफ जनरल जे. जे. सिंह ने क्या कहा