नई दिल्ली: देश के पूर्व चीफ जस्टिस (Ex CJI) रंजन गोगोई को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने राज्यसभा के लिए नामित किया है। केंद्र सरकार की ओर से सोमवार देर शाम नोटिफिकेशन जारी कर इसकी जानकारी दी गई। गृह मंत्रालय ने नोटिफिकेशन में कहा गया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पूर्व CJI रंजन गोगोई का नाम राज्यसभा भेजने के लिए नामित किया है।
आपको बता दें कि राष्ट्रपति की ओर से राज्यसभा में 12 सदस्य मनोनीत किए जाते हैं। ये सदस्य अलग-अलग क्षेत्रों की कोई भी जानी मानी हस्तियां हो सकती हैं। ऐसे में अब राष्ट्रपति ने पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को राज्यसभा सदस्य बनाने के लिए चुना है। रंजन गोगोई 17 नवंबर 2019 को CJI के पद से रिटायर हुए थे। इस पद पर उनका कार्यकाल करीब साढ़े 13 महीने का रहा।
अपने कार्यकाल में उन्होंनें कुल 47 फैसले सुनाए, जिनमें से कुछ ऐतिहासिक फैसले थे। ऐतिहासिक फैसलों में राम मंदिर का फैसला भी रहा। रिटायर होने से पहले रंजन गोगोई की अध्यक्षता में बनी बेंच ने ही अयोध्या के विवादित स्थल पर फैसला सुनाया था। अयोध्या के अलावा उन्होंने असम एनआरसी, राफेल और सीजेआई ऑफिस को आरटीआई के दायरे में लाने के मामले में भी फैसला सुनाया।
बतौर सीजेआई गोगोई का कार्यकाल कुछ विवादों और व्यक्तिगत आरोपों से भी भरा रहा। उन पर यौन उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोप भी लगे। हालांकि, बाद में वह आरोपों से मुक्त भी हो गए। इसके अलावा वह रोस्टर विवाद को लेकर ऐतिहासिक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले 4 जजों में भी शामिल थे। वह जनवरी 2019 में तत्कालीन सीजेआई दीपक मिश्रा के काम के तरीके पर सवाल उठाने वाले जजों के समूह के सबसे वरिष्ठ जज थे।