कोलकाता | हाल ही में सोशल मीडिया पर सामने आई बांग्लादेशी सेना के निर्वासित पूर्व मेजर डेलवर हुसैन की ऑनलाइन लाइव वीडियो फुटेज ने हंगामा मचा दिया है। लोगों ने उनकी हिंदू विरोधी बात पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। हुसैन ने इस्लामिक कट्टरपंथी की तरह बांग्लादेश में रहने वाली हिंदू आबादी को खुले तौर पर धमकी दी है। उन्होने मुस्लिम युवाओं को और अधिक रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए बांग्लादेश की धरती से 15 से 20 लाख हिंदुओं को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया है। अल्लाह के नाम पर शपथ लेते हुए उन्होने कहा है कि देश से लक्षित लोगों को बेदखल किए जाने के बाद 15 से 20 लाख नौकरी खाली हो जाएंगी।
रिपोर्टों के अनुसार, हुसैन विदेश में रहते हैं और विपक्षी बीएनपी-जेईएल (जमात-ए-इस्लामी) गठबंधन के साथ संबंध रखते हैं। सार्वजनिक क्षेत्र में पूर्व मेजर के बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन यह स्पष्ट है कि वह बांग्लादेश के राजनीतिक परिदृश्य में प्रवेश करने के लिए हिंदू विरोधी भावनाओं को भुनाने की कोशिश की जा रही है।
हिंदुओं के प्रति उगला जहर
पूर्व मेजर ने अपनी 33 मिनट की वीडियो में हिंदुओं के प्रति जहर उगलते हुए कहा, "मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि 'बांग्लादेश में रहने वाले भारतीय' या 'भारत-प्रेमी बांग्लादेशियों' की सूची तैयार करें। मैं जल्द ही एक वेबसाइट विकसित करूंगा जहां आप सभी चुपके से उन नामों को भेज सकेंगे। मैं पुलिस और बांग्लादेश सेना को नामों की सूची सौंपूंगा। जल्द ही ऐसा समय आएगा, जब इन हिंदुओं को वापस भारत भेज दिया जाएगा।"
सोशल मीडिया पर वायरल
हुसैन की इस वीडियो पर अकेले फेसबुक पर ही हजारों टिप्पणियां की गई हैं और साथ ही इसे 1,700 से अधिक बार शेयर भी किया गया है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उन्होंने भारतीय नागरिकों को बांग्लादेश का असली दुश्मन करार देते हुए बांग्लादेशी उद्योगपतियों के बारे में भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उद्योगपति विनम्र हैं, जो भारतीयों का सम्मान करते हैं और उन्हें नौकरी देते हैं।
कट्टरपंथी इस्लामी भावनाओं को प्रोत्साहित किया
कट्टरपंथी इस्लामी भावनाओं को प्रोत्साहित करते हुए हुसैन ने सवाल करते हुए पूछा, "इन उद्योगपतियों का मानना है कि भारतीयों के बिना वे बांग्लादेश में व्यापार करने में सक्षम नहीं होंगे। मैं पूछना चाहता हूं कि क्या भारतीयों ने अपना व्यवसाय विकसित किया है? क्या उन्होंने अपना खुद का व्यवसाय विकसित किया है। फिर भारतीयों के प्रति यह नरम रवैया क्यों?"
हुसैन ने कहा कि अगर इन व्यवसायियों ने अपना रवैया नहीं बदला तो उसे अपने ऑपरेशन को हवा देनी होगी। उन्होने कहा, "बहुत हुआ। बांग्लादेश के गरीब लोगों को क्रोध से भर दिया गया है। उनके पास उपभोग करने के लिए भोजन नहीं है। इसलिए, इन भारतीयों को वापस भेजें और शिक्षित बांग्लादेशियों को उन पदों पर नियुक्त करें।" हुसैन ने मीडिया संगठनों के एक हिस्से को 'राष्ट्र-विरोधी' करार देते हुए उन्हें 'खतरनाक' बताया।
भारत के खिलाफ उगला जहर
हुसैन ने कहा कि कई 'देशभक्त' पत्रकारों ने अपने इस्लामी झुकाव के कारण देश छोड़ दिया है। उन्होने कुछ बांग्लादेशियों के नाम भी रखे। हुसैन ने बांग्लादेश मीडिया के उस हिस्से को निशाना बनाया, जो पड़ोसी राष्ट्र की सकारात्मक छवि रखता है। उन्होने मांग की कि निर्वासन में रहे सभी पत्रकारों को बांग्लादेश वापस लाया जाए और उन्हें देश में मीडिया का काम देखने की जिम्मेदारी दी जाए। इसके अलावा हुसैन ने बांग्लादेश के लोगों से उदार मीडिया संगठनों का बहिष्कार करने का आग्रह भी किया।
(आईएएनस)