तिरुवनंतपुरम: केरल पुलिस ने लिथुआना की 33 वर्षीय महिला पर्यटक की रहस्मय मौत के मामले में दो लोगों को कथित तौर पर उसका बलात्कार और क्रूरता से हत्या करने के आरोप में आज गिरफ्तार किया। चौदह मार्च को लापता हुई इस पर्यटक का क्षत - विक्षत शव 21 अप्रैल को कोवलम के पास समुद्र के समीप उगने वाले वृक्षों के जंगल से मिला था। पुलिस महानिदेशक लोकनाथ बेहरा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि पूरी जांच वैज्ञानिक तरीकों से तथा परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर की गयी। उन्होंने कहा , ‘‘ यह मामला हत्या का है। दुर्भाग्य से यह बहुत ही नृशंस था। किसी भी महिला के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए था। ’’
उन्होंने कहा कि इस बात का पता लगाने के लिए भी प्रयास किये जा रहे हैं कि इस मामले में कोई और व्यक्ति प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शामिल है या नहीं। जांच अधिकारी मनोज अब्राहम ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 ( हत्या ), 376 ( बलात्कार ) और एनडीपीएस अधिनियम की धारा 20( बी ) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इन जांचों में शामिल रहे शहर के पुलिस आयुक्त पी प्रकाश ने बताया कि उस महिला का बलात्कार और हत्या करने वाले दोनों आरोपी उमेश और उदयन नशीली दवाओं के कारोबारी थे। पुलिस ने महिला की तलाश के लिए विशेष जांच दल गठित किया था और बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया था। अवसाद का आयुर्वेदिक इलाज कराने यह महिला अपनी बहन के साथ लिथुआनिया से केरल आई थी। बहरहाल , एक लैटिन क्रिश्चियन पादरी द्वारा धार्मिक रस्में पूरी किए जाने के बाद पर्यटक के शव का शांतिकावदम विद्युत श्मशानगृह में दाह संस्कार किया गया।
पर्यटन मंत्री कदकम्पल्ली सुरेंद्रन भी अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष कुम्मानाम राजशेखरन ने कोझीकोड में कहा था कि आरोपी को कानून के कटघरे में लाने और जांच प्रक्रिया पूरी होने तक उसके शव को संरक्षित रखा जाना चाहिए। भाजपा ने केरल मानवाधिकार आयोग से सम्पर्क कर दाह संस्कार पर रोक लगाने की मांग की थी। आयोग चाहता था कि महिला के दाह संस्कार की जगह उसे ईसाई मान्यताओं के अनुसार दफनाया गया था।