नई दिल्ली: इराक में लापता 39 भारतीयों की स्थिति के मुद्दे पर देश में सियासी घमासान मचा हुआ है इस बीच इराक के विदेश मंत्री इब्राहिम अल-जाफरी ने कहा है कि अभी उनके पास लापता भारतीयों के बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। इराकी विदेश मंत्री इब्राहिम अल-जाफरी ने सोमवार को कहा, 'हम 100 फीसदी यकीन के साथ नहीं कह सकते हैं कि लापता भारतीय जिंदा हैं या नहीं। हम उन्हें खोजने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'हमारे पास इस बात के कोई पुख्ता सबूत नहीं हैं कि वे मारे गए हैं या फिर जिंदा हैं। इस बारे में अभी हम कोई जानकारी नहीं दे सकते हैं।'
गौरतलब है कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कुछ दिन पहले कहा था कि लापता भारतीय इराक की जेल में हो सकते हैं लेकिन समाचार चैनलों की रिपोर्टो में दिखाया जा रहा है कि वह जेल नष्ट हो चुकी हैऔर वह अस्पताल भी खाली पड़ा है जहां उनके छुपे होने की बात कही जा रही थी।
सुषमा स्वराज ने पंजाब के इन युवकों के परिजनों को आश्वासन दिया था कि ये लोग जिंदा हैं लेकिन हरजीत नाम का एक युवक इराक से किसी प्रकार अपनी जान बचाकर आया है और उसने कहा है कि उसके सामने बाकी भारतीयों को मौत के घाट उतारा जा चुका है।
सुषमा ने कहा था कि सूत्रों ने मोसुल के पास स्थित बादुश गांव की जेल में इन भारतीयों के बंद होने की संभावना जताई है। बादुश मोसुल के उत्तरपश्चिमी हिस्से में स्थित एक गांव है। चूंकि अभी यहां पर लड़ाई जारी है, ऐसे में जंग के खत्म होने पर ही उनकी तलाश शुरू की जा सकेगी। सुषमा ने रविवार को विदेश राज्यमंत्री वी के सिंह और एम जे अकबर के साथ सभी लापता 39 भारतीयों के परिवारों से मुलाकात की थी। लापता भारतीयों में से अधिकतर पंजाब के हैं।
बता दें कि ये सभी लोग 2014 से ही इराक में लापता हैं। सुषमा ने कहा था कि इन सभी लापता लोगों को सुरक्षित वापस लाने के लिए सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है। बता दें कि 2014 में ही इराकी फौज को हराने के बाद ISIS ने मोसुल पर कब्जा कर लिया था। मोसुल में मिली जीत के बाद इस आतंकी संगठन का काफी विस्तार हुआ।