नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने के बाद भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ आई जस्टर सहित 15 देशों के राजनयिक मौजूदा स्थिति का जायजा लेने के लिए दो दिवसीय दौरे पर बृहस्पतिवार को श्रीनगर पहुंचे। राजनयिकों के इस प्रतिनिधिमंडल में अमेरिका के अलावा बांग्लादेश, वियतनाम, नॉर्वे, मालदीव, दक्षिण कोरिया, मोरक्को और नाइजीरिया के राजनयिक भी शामिल हैं।
राजनयिकों ने श्रीनगर में गुलाम हसन मीर, अल्ताफ बुखारी, सोहेब इकबाल लोन, हिलाल अहमद, नूर मोम्महद शेख, अब्दुल माजिद, अब्दुल रहीम, रफी अहमद मीर सहिता कई अन्य स्थानीय नेताओं से मुलाकात की। मुलाकात के बाद अल्ताफ बुखारी ने कहा कि हमने धारा 370 को निरस्त करने के बाद राज्य में वर्तमान स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान किया। यह एक स्वतंत्र और स्पष्ट चर्चा थी।
सिविल सोसायटी के मेंबर तौसीफ रैना ने कहा कि सामान्य स्थिति लौट रही है, 'शिकारे' चल रहे हैं, बच्चे स्कूल/ कॉलेजों में जाने वाले लगे हैं। हम लोगों से अपील करते हैं कि वे कश्मीर आएं और हमें उनकी सेवा करने का मौका दें।
पीडीपी ने आठ नेताओं को पार्टी से निकाला
पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने सरकार के साथ बातचीत करके ‘लोगों की इच्छा के खिलाफ’ जाने के आरोप में आठ नेताओं को बृहस्पतिवार को पार्टी से निष्कासित कर दिया। पीडीपी के आधिकारिक ट्विटर पेज पर पोस्ट की गई एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘ पीडीपी ने लोगों की इच्छा के खिलाफ जाने वाले नेताओं को निष्कासित कर दिया है।’’
निष्कासित किए गए नेताओं में दिलावर मीर, रफी अहमद मीर, ज़फर इकबाल, अब्दुल मजीद पदरू, राजा मंजूर खान, जावेद हुसैन बैग, कमर हुसैन और अब्दुल रहीम राथेर शामिल हैं। ये सभी पूर्व विधायक हैं। विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘ पांच अगस्त के बाद के घटनाक्रम और लोगों की इच्छा तथा भावनाओं को आहत करने वाले भारत सरकार के एकतरफा कदम के मद्देनजर, पार्टी के संज्ञान में यह आया है कि पार्टी के कुछ नेता बातचीत का हिस्सा थे जो राज्य के हित और पार्टी के आधिकारिक रुख और मूल विचारों के खिलाफ जाता है।’’
घाटी में राजनयिकों को लाने के तरीके से निराश: नेकां
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने गुरुवार को कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर में ‘‘हालात सामान्य’’ होने के अपने दावे पर मुहर लगवाने वाले के लिए जिस तरह से विभिन्न देशों के राजनयिकों को यहां लायी है, उससे वह ‘‘निराश’’ है। पार्टी ने आरोप लगाया कि राजनयिकों का घाटी दौरा योजनाबद्ध है जिसमें केवल उन्हें ऐसे चुनिंदा लोगों से मिलवाया गया जो सरकार के रुख के अनुरूप बोलते हैं।
उसने कहा, ‘‘ घाटी में हालात सामान्य होने के केन्द्र के दावे का समर्थन करवाने के लिए विदेशी राजदूतों को जिस तरह घाटी लाया गया, उससे नेशनल कॉन्फ्रेंस निराश है।’’ पार्टी की ओर से जारी बयान के अनुसार, ‘‘ नेकां इन राजदूतों से यह पूछना चाहेगी अगर जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य है तो तीन पूर्व मुख्यमंत्री सहित सैकड़ों लोग करीब 160 दिनों से नजरबंद क्यों हैं और पांच महीने से अधिक समय से लोगों को इंटरनेट का इस्तेमाल क्यों नहीं करने दिया जा रहा है ?’’
विदेशी राजनयिकों का दौरा हालात सामान्य दिखाने की कोशिश: पीडीपी
पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि विभिन्न देशों के दूतों का जम्मू-कश्मीर दौरा घाटी में सरकार द्वारा किए गए बंद को सामान्य दिखाने का प्रयास है। पीडीपी ने केंद्र को चुनौती दी कि वह दूतों को हिरासत में रखे गए राजनीतिक नेताओं से मुलाकात करने की इजाजत दे।
पीडीपी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘‘आज प्रधानमंत्री कार्यालय दूतों के दूसरे जत्थे को कश्मीर में हालात ‘दिखाने’ लाया, यह सरकार द्वारा किए गए बंद को सामान्य दिखाने का प्रयास लगता है। प्रधानमंत्री कार्यालय को चुनौती देते हैं कि क्या वे इन विदेशी दूतों को 160 दिन से जेल में बंद राजनीतिक बंदियों से मुलाकात करने देंगे?’’
इनपुट- भाषा