नई दिल्ली: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव पर चारा घोटाले मामले में रांची सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने साढ़े तीन साल की सजा और पांच लाख जुर्माना लगाया है। जुर्मान नहीं देने पर छह महीने और जेल में गुजारना होगा। लालू यादव समेत 16 दोषियों की सजा पर बहस पूरी हो गई चुकी थी लेकिन सजा का ऐलान कल नहीं हो पाया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आज सजा सुनाई गई। लालू के वकील ने उनकी खराब सेहत का हवाला देते हुए कम से कम सजा देने की मांग की थी।
लालू के वकील ने उनकी मेडिकल सर्टिफिकेट कोर्ट को सौंपी और कहा कि उनकी सर्जरी हो चुकी है ऐसे में उन्हें कम सजा मिलनी चाहिए। वकील ने कहा कि जेल के अंदर मेडिकल की अच्छी सुविधाएं नहीं हैं। वहीं लालू प्रसाद ने कहा कि जेल में शुद्ध पानी नहीं मिलता है। अदालत के बाहर लालू के वकील ने मीडिया से कहा था कि अदालत ने इस मामले में सजा के बिन्दु पर अब शुक्रवार को सुनवाई की बात कही है। अतः लालू यादव समेत सभी अभियुक्तों को वापस न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा जेल भेज दिया गया।
लाइव अपडेट
मधु कोड़ा का नाम साढ़े चार हजार करोड़ के घोटाले में आया, लेकिन तीन साल की सजा मिली-शिवानंद तिवारी
लालू जी का मामला कुछ लाख का था इसमें साढ़े तीन साल की सजा मिली, अब ज्यूडिशियरी ने फैसला दिया, क्या कहें--शिवानंद तिवारी
जेपी की आत्मा को कितनी चोट पहुंची होगी.. अब कांग्रेस को फैसला करना है कि भ्रष्टाचारियों के साथ रहेगी या इनसे अलग होगी-अश्विनी चौबे-
लालू ने जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा लूटा-अश्विनी चौबे
जज पर भी दबाव दे रहे थे.. एक तरफ लूटो दूसरी तरफ हाथ जोड़कर छूटने के लिए प्रार्थना करो-अश्विनी चौबे-
ज्यूडिशियरी पर भी दबाव बना रहे थे लालू और उनके समर्थक-अश्विनी चौबे-
लालू प्रसाद को साढ़े तीन साल की सजा और पांच लाख का जुर्माना
फूलचंद, महेश प्रसाद, बेक जूलियस, सुनील कुमार, सुशील कुमार और राजा राम को भी साढ़े तीन साल की सजा और 5 लाख का जुर्माना
सीबीआई जज शिवपाल सिंह कोर्ट रूम में पहुंचे
अफसोस की बात है कि जिसे जनता ने चुना वह जेल में है-तेजस्वी यादव
जिनको नहीं चुना वह चोर दरवाजे से सरकार में बैठे हैं-तेजस्वी यादव
लालू प्रसाद ने सजा से पहले अपने कार्यकर्ताओं के नाम एक चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में लालू ने लिखा है कि चलूंगा, लड़ूंगा और बिहार के लिए जलूंगा।
अदालत ने इन सभी को 23 दिसंबर को इस मामले में दोषी करार देते हुए बिरसा मुंडा जेल भेज दिया था जबकि इसी मामले में अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डा. जगन्नाथ मिश्रा, बिहार के पूर्व मंत्री विद्यासागर निषाद, बिहार विधानसभा की लोक लेखा समिति के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत समेत छह लोगों को भारी राहत दी थी एवं निर्दोष करार देते हुए बरी कर दिया था। जिन आरोपियों को अदालत ने चारा घोटाले के इस मामले में दोषी करार दिया है उनमें बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, आर के राणा, जगदीश शर्मा, तीन आइएएस अधिकारी तत्कालीन वित्त आयुक्त फूलचंद सिंह, पशुपालन विभाग के तत्कालीन सचिव बेक जूलियस एवं एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी महेश प्रसाद भी शामिल हैं।
लालू प्रसाद यादव ने जेल जाने से पूर्व कहा था कि उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया है और इस फैसले के खिलाफ वह उच्च न्यायालय जायेंगे जहां उन्हें अवश्य न्याय मिलेगा। उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। लालू प्रसाद चारा घोटाले के पांच केस में से पहले केस में 2013 में दोषी करार दिए गए थे और उन्हें पांच साल जेल की सजा सुनाई गई थी।