नई दिल्ली: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्रियों लालू प्रसाद यादव और जगन्नाथ मिश्र समेत चारा घोटाले के आरोपियों पर रांची की विशेष सीबीआई अदालत आज फैसला सुनाने वाली है। फैसला क्या होगा, लालू को सजा मिलेगी या बरी होंगे ये तो कोर्ट के फैसले के बाद ही साफ होगा लेकिन लालू का चारा घोटाले के साथ 23 नंबर का अजीब कनेक्शन सामने आया है।
आज की तारीख का ये एकमात्र 23 नंबर नहीं है जिसने लालू को परेशान किया है। इससे पहले भी 23 नंबर लालू के लिए कई बार मुसीबत का सबब बन चुका है। इक्कीस साल पहले 1997 के जून महीने की यही वो 23 तारीख थी, जब चारा घोटाले में लालू के खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की थी। इसी दिन इस मामले में जगन्नाथ मिश्र समेत 54 अन्य आरोपियों के खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल हुए थे।
बीस साल से चल रहे चारा घोटाले में कुल 34 आरोपियों पर मुकदमा चला। इनमें से 11 की मौत हो गई यानी अब 23 आरोपी ही बचे हैं। हालांकि, इनमें से एक आरोपी सीबीआई का एप्रुवर बन चुका है। चारा घोटाले के अलावा एक अन्य मामले में भी लालू को इस 23 नंबर ने परेशान किया है। आय से अधिक संपत्ति के जिस मामले में कोर्ट ने लालू यादव और राबरी देवी को बरी किया था उस मामले की बहस भी 23 तारीख को ही पूरी हुई थी। वो तारीख थी 23 नवंबर, 2006।
इस मामले में कोर्ट का फैसला 18 दिसंबर, 2006 को आया था। लालू पर 1990 से 1997 के दौरान बिहार के सीएम रहते हुए आमदनी से 46 लाख रुपये ज्यादा संपत्ति जमा करने का आरोप था।
अब आज एक बार फिर से 23 तारीख को रांची की विशेष सीबीआई की अदालत लालू पर फैसला सुनाने वाली है। देखना दिलचस्प होगा कि लालू इस बार 23 नंबर के इस चक्रव्यूह से बच पाते हैं या नहीं।