जो फूल 8 रुपए में बिक जाता था उसे आज 4 रुपए में भी खरीदार नहीं मिल रहा है
ऐसा ही हाल विश्वनाथन का भी है। विश्वनाथन दक्षिण भारत के अलग अलग शहरों में फूलों का बिज़नेस करते हैं। नोटबंदी से पहले बिडिंग के दौरान जिस फूल को वो बिना किसी झिझक के 8 रूपये तक भी खरीद लेते थे उसे अब 4 रूपये में भी खरीदने वाला कोई नहीं है।
सैल्सल में 50 फीसदी की कमी आई लेकिन फिर भी पीएम के फैसले का किया समर्थन
फूल व्याथपारी विश्वीना कहना है कि कैश की कमी होने के चलते सेल्स में 50 फ़ीसदी तक कमी आ गयी है उन्हें नुकसान भी हो रहा है लेकिन फिर भी वे PM मोदी के इस फैसले के साथ हैं और उन्हें लगता है कि कुछ दिन में सबकुछ सामान्य हो जाएगा।
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