अगरतला: त्रिपुरा में बारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। बाढ़ में घर डूबने से 2,000 से ज्यादा परिवार विस्थापित हो गए हैं। एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि विस्थापित परिवार पश्चिम त्रिपुरा जिले के सादर, जिरानिया और मोहनपुर तथा खोवाई जिले के खोवाई व तेलीयामुरा सब-डिविजनों से ताल्लुक रखते हैं। उन्हें 50 राहत शिविरों में रखा गया है। ये भी पढ़ें: कैसे होता है भारत में राष्ट्रपति चुनाव, किसका है पलड़ा भारी, पढ़िए...
आपदा प्रबंधन नियंत्रण केंद्र के अधिकारी के मुताबिक, "रविवार रात से हुई भारी बारिश से निचले इलाकों, सड़कों, त्रिपुरा के दो जिलों के पांच सब-डिविजन की बस्तियों में पानी भर गया है।"
उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों को बचाने और उनकी सहायता करने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), त्रिपुरा स्टेट राइफल टीम और जिला प्रशासन के अधिकारियों को तैनात किया गया है। हावड़ा और खोवाई सहित कई नदियों का पानी खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गया है।
मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने स्थिति की समीक्षा के लिए सोमवार रात यहां उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। अधिकारी ने बताया कि सरकार ने प्रभावित जिलों की स्थिति पर 24 घंटे नजर बनाए रखने और लोगों की सहायता को तुरंत कदम उठाने के लिए जिला प्रशासन को नियंत्रण कक्ष खोलने के निर्देश दिए हैं।
मौसम विभाग के निदेशक दिलीप साहा ने गुरुवार तक और ज्यादा बारिश होने की बात कही है। साहा ने कहा, "अगरतला में जून में 695 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जबकि सामान्य बारिश का अनुमान 421 मिलीमीटर का था।"
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