नई दिल्ली: स्नैपडील-फ्लिपकार्ट के बीच अब कोई डील नहीं होगी। दोनों कंपनियों के बीच 6 महीने से चल रही विलय सौदे की बातचीत आज बिना किसी परिणाम तक पहुंचे ही खत्म हो गई। स्नैपडील ने कहा कि वह स्वतंत्र रूप से आगे बढ़ेगी। स्नैपडील ने बाजार में बने रहने के लिए एक नई रणनीति भी तैयार की है। इसके अलावा उसने अपने खर्च को कम करने के लिए 80 प्रतिशत कर्मचारियों को नौकरी से हटाने की भी योजना बनाई है।
सूत्रों ने बताया कि स्नैपडील के फाउंडर्स अपने से बड़े प्रतिस्पर्धी फ्लिपकार्ट द्वारा अधिग्रहण के विरोध में हैं। जैसपर इंफोटेक, जो स्नैपडील का परिचालन करती है, के बोर्ड ने फ्लिपकार्ट के 95 करोड़ डॉलर के प्रस्ताव को अपनी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी और अब इस पर छोटे शेयरधारकों की मंजूरी ली जानी बाकी थी। हालांकि, स्नैपडील के फाउंडर्स कुणाल बहल और रोहित बंसल यह नहीं चाहते हैं कि स्नैपडील को फ्लिपकार्ट खरीदे। स्नैपडील की योजना पेमेंट वॉलेट फ्रीचार्ज और लॉजिस्टिक इकाई वल्कन एक्सप्रेस की बिक्री से मिलने वाली राशि से एक छोटे वर्जन में स्नैपडील का परिचालन आगे भी जारी रखने की है।
एक अन्य सूत्र ने बताया कि स्नैपडील में अर्ली स्टेज इन्वेस्टर कलारी कैपिटल और नेक्सस वेंचर्स पार्टनर्स भी फ्लिपकार्ट के साथ सौदे को लेकर अनिच्छुक थे। इस जबरन विलय के विफल होने से सॉफ्टबैंक ग्रुप को बड़ा झटका लगा है। स्नैपडील में सॉफ्टबैंक सबसे बड़ा निवेशक है। सॉफ्टबैंक पिछले कई महीनों से इस सौदे को पूरा करने के लिए पूरा जोर लगा रहा था। पिछले हफ्ते एक्सिस बैंक ने 6 करोड़ डॉलर में फ्रीचार्ज को खरीदने की घोषणा की थी। बहल और बंसल के स्नैपडील को एक स्वतंत्र इकाई बनाए रखने के फैसले से अब यहां बड़ी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी होगी। एक सूत्र ने बताया कि स्नैपडील के साथ अभी लगभग 1500 कर्मचारी हैं। लगभग 90 प्रतिशत कर्मचारियों की बहल और बंसल के नए प्लान में कोई जगह नहीं है।