नयी दिल्ली: भारतीय वायुसेना की एक रिपोर्ट के अनुसार अगर बल के पास उच्च तकनीकी क्षमता होती तो 27 फरवरी को पाकिस्तान के नाकाम हवाई हमले के दौरान वह उसे भारी नुकसान पहुंचाता। इस रिपोर्ट में 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर वायुसेना का हवाई हमला और अगले दिन पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण किया गया है। भारत ने पुलवामा हमले का बदला लेने के लिए हवाई हमले किए थे। पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
आधिकारिक स्रोतों ने रिपोर्ट का विवरण साझा करते हुए कहा कि वायुसेना ने रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तानी वायु सेना 1999 में कारगिल युद्ध के बाद से ही लगातार अपनी क्षमताओं का विस्तार कर रही है और भारत के लिए जरूरी है कि वह हवाई युद्ध के लिए अपनी तकनीकी क्षमता को मजबूत करे। एक अधिकारी ने कहा कि अभी एफ-16 जेट विमानों के अपने बेड़े को लेकर पाकिस्तान को बढ़त प्राप्त है। उन विमानों में एएमआरएएएम मिसाइल लगी हुयी हैं।
सूत्रों ने कहा कि हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल (बीवीआरएएएम) और एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली से लैस राफेल विमानों के शामिल होने से भारत को पाकिस्तानी वायु सेना पर महत्वपूर्ण बढ़त मिल जाएगी। बालाकोट हमलों के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि मिराज 2000 जेट विमानों से दागे गए इजरायली स्पाइस 2000 (पीजीएम) ने छह लक्ष्यों में से पांच को निशाना बनाया।
सूत्रों ने कहा कि सुधार के लिए संभावित क्षेत्रों के अपने विश्लेषण में, वायु सेना ने पाकिस्तान पर बढ़त के लिए उच्च तकनीकी क्षमता और वायु रक्षा प्रणाली पर जोर दिया है। इसमें भारतीय वायुसेना की समग्र लड़ाकू क्षमताओं को विस्तार देने के लिए नए हथियारों की खरीद की आवश्यकता के बारे में भी चर्चा की गयी है।