नई दिल्ली: भारत और फ्रांस की सह- मेजबानी में राष्ट्रपति भवन में रविवार को आयोजित हो रहे पहले अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन शिखर सम्मेलन में 23 देशों के राष्ट्राध्यक्ष और विभिन्न देशों के 10 मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधि शिरकत करने दिल्ली पहुंच चुके हैं। सम्मेलन में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिये वित्तीय तंत्र, क्राउड फंडिंग( लोगों से धन एकत्र करना) और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर विचार- विमर्श होगा।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों के साथ सम्मेलन की मेजबानी करेंगे। इसमें सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। भारत के महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य के तहत 175 गीगावाट स्वच्छ ऊर्जा क्षमता जुटाने के लिये संयंत्र स्थापित करने के लिहाज से बैठक महत्वपूर्ण है। इसमें100 गीगावाट सौर ऊर्जा और60 गीगावाट पवन ऊर्जा शामिल है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट में कहा, " भारत अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन शिखर सम्मेलन के लिये गिनी, तुवालु, डीआर कांगो, गैबॉन, गांबिया, मेडागास्कर, मलावी, मॉरीशस से आए गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करता है।" इसके अीलावा कईवैश्विक बैंकरों ने भी सम्मेलन में अपनी भागीदारी की पुष्टि की है। इनमें यूरोपियन इनवेस्टमेंट बैंक के अध्यक्ष एवं चेयरमैन वेरनेर होयेर, ब्रिक्स डेवलपमेंट बैंक के अध्यक्ष के वी कामत, यूरोपियन बैंक फार रिकंस्ट्रक्शन एण्ड डेवलपमेंट की एनर्जी एण्ड नेचुरल रिसोर्सिज की प्रबंध निदेशक नंदिता प्रसाद, एशियाईविकास बैंक के उपाध्यक्ष बांबांग सुसांतोनो प्रमुख हैं। नई दिल्ली में पहुंच रहे इन राष्ट्राध्यक्षों की मेजबानी स्वयं प्रधानमंत्री मोदी कर रहे हैं।