नासिक: पहला स्वदेशी सुपरसोनिक विमान सुखोई-30एमकेआई ओझर स्थित 11 बेस डिपो में मरम्मत के बाद संचालन बेड़े में शामिल करने के लिए शुक्रवार को यहां वायुसेना को सौंप दिया गया। मेंटेनेंस कमांड के प्रमुख एयर मार्शल हेमंत शर्मा ने एक भव्य समारोह के दौरान औपचारिक रूप से सुखोई-30एमकेआई विमान दक्षिण-पश्चिम एयर कमान के प्रमुख वायु सेना अधिकारी एयर मार्शल एच.एस. अरोड़ा को सौंप दिया।
मरम्मत के बाद 24 अप्रैल को उड़ान भरने के बाद अंतिम रूप से सैन्य अभियान के लिए उड़ान के बेड़े में शामिल करने से पहले विमान को परीक्षण के अधीन रखा गया था।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "मरम्मत के दौरान विमान के कलपुर्जो को खोलकर अगल कर दिया गया और दोबारा उसे तैयार किया गया, जिससे यह बिल्कुल नया बन गया है और इसकी काम करने की अवधि (उम्र) भी दोगुनी हो गई है।"
ओझर में 11 बीआरडी की स्थापना 1974 में की गई थी। यह वायुसेना के युद्धक विमान मरम्मत का एकमात्र डिपो है। यहां मिग-29 और सुखोई-30 एमकेआई जैसे विमानों की मरम्मत, नवीकरण और पूर्ण बदलाव के कार्य होते हैं।
सुखोई-30 एमकेआई विमान भारतीय वायुसेना का सबसे संहारक लड़ाकू विमान है जिस पर हाल में ही सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस को तैनात करने में कामयाबी हासिल हुई है।
कहा जा रहा है कि 40 सुखोई विमानों को ब्रह्मोस को प्रक्षेपित करने के लिए तैयार करने का काम शुरू हो गया है। ब्रह्मोस के प्रक्षेपण के लायक बनाने के लक्ष्य से सरकारी हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) में इन 40 सुखोई विमानों में संरचनात्मक बदलाव किये जाएंगे।