भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और उसके इतिहास के पृष्ठों को अगर पलटा जाए तो आकाश के नक्षत्रों के समान अनगिनत नाम सामने आते हैं। ऐसे नाम जिनका जीवन, जिनकेे कर्म केवल एक ही उद्देश्य को समर्पित रहेे-अपने देश को पराधीनता के अपमान से मुक्ति दिलाकर उसका स्वर्णिम गौरव वापस दिलाना। ‘मंगल पांडे’ नाम ऐसे ही एक नरसिंह का है, जो मात्र एक ही सिंहनाद से इतिहास में अपना नाम अमर कर गये। वे सन् 1857 की क्रान्ति का बिगुल बजाने वाले वीर सिपाही थे।
देश की आने वाली पीढ़ियां आजाद हवा में सांस ले सकें और उनका भविष्य सुरक्षित हो, इसके लिए कई नौजवानों ने देश के लिए कुर्बानी दे दी। आठ अप्रैल का दिन इन्हीं महानायकोंं को समर्पित है। उनमेंं से ही एक क्रांतिकारी मंगल पांडे थे जिन्होंने देश में आजादी की पहली चिंगारी सुलगाई थी। उस क्रांतिकारी को आठ अप्रैल के दिन फांसी पर चढ़ाया गया था। शहीद मंगल पांडे के बलिदान को ये देश कभी नहींं भूल सकता है।
आज ही भगत सिंह और उनके साथियों ने फेंका था असेंबली में बम
देश में धधकती आजादी की आंच पूरी दुनिया तक पहुंचाने के लिए भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त जैसे आजादी के परवानों ने आठ अप्रैल 1929 को दिल्ली के सेंट्रल एसेंबली हॉल में बम फेंका था। इस बम धमाके का मकसद किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं बल्कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन की तरफ दुनिया का ध्यान आकृष्ट करना था।
आइए जाने दुनिया के इतिहास में 8 अप्रैल की तारीख पर दर्ज महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा :
- 1857 : ब्रिटिश सरकार के खिलाफ बगावत की चिंगारी भड़काने वाले बैरकपुर रेजीमेंट के सिपाही मंगल पांडेय को फांसी दे दी गई।
- 1894 : भारत के राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के रचयिता बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय का कलकत्ता में निधन।
- 1929 : क्रांतिकारी भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने दिल्ली असेंबली हॉल में बम फेंका और गिरफ्तारी दी।
- 1950 : भारत और पाकिस्तान के बीच लियाकत-नेहरू समझौता। यह समझौता दोनों देशों में रह रहे अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सुरक्षित रखने और भविष्य में दोनों देशों के बीच युद्ध की संभावनाओं को ख़त्म करने के मकसद से किया गया था।
- 1973 : स्पेन के चित्रकार पाब्लो पिकासो का निधन। इन्हें 20वीं शताब्दी का संभवत: सबसे प्रभावी चित्रकार माना जाता है।
- 2013 : ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्गेरेट थैचर का लंदन में निधन । वह ग्रेट ब्रिटेन ही नहीं किसी भी यूरोपीय देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं और 20वीं शताब्दी में ब्रिटेन की एकमात्र प्रधानमंत्री थीं, जिन्होंने तीन बार लगातार यह पद संभाला।
- जापान में सदियों से इस दिन को बौद्ध धर्म को मानने वाले बुद्ध के जन्मदिन के तौर पर मनाते हैं।