लैंडिंग का वक्त करीब आने से पहले चंद्रयान-2 ने एक और बाधा पार कर ली है। मंगलवार सुबह चंद्रयान ने पहली डी-ऑर्बिटिंग की प्रक्रिया पूरी कर ली है। इसरो ने ट्वीट कर बताया कि आज सुबह 8.50 बजे पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार पहली डी-ऑर्बिटिंग की प्रक्रिया सफलता पूर्वक पूरी कर ली गई है। इसरो ने बताया कि यह पूरी प्रक्रिया 4 सेकेंड में पूरी कर ली गई।
बता दें कि विक्रम लैंडर का ऑर्बिट 104 किमी x 128 किमी का है। चंद्रयान का ऑर्बिटर चंद्रमा की कक्षा में लगातार चक्कर काटेगा। इसरो ने बताया कि चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर और लैंडर दोनों ही ठीक तरीके से काम कर रहे हैं। चंद्रयान-2 की दूसरी डी-आर्बिटिंग की प्रक्रिया 4 सितंबर को सुबह 3.30 बजे से 4.30 बजे के बीच पूरा होगा।
बता दें कि सोमवार को चंद्रयान-2 को बड़ी सफलता मिली थी। कल दोपहर करीब 1.15 बजे चंद्रयान के ऑर्बिटर से लैंडर विक्रम को सफलतापूर्वक अलग कर दिया गया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि यह प्रक्रिया अपराह्न 12 बजकर 45 मिनट पर शुरू हुई और एक बजकर 15 मिनट पर ऑर्बिटर से ‘विक्रम’ अलग हो गया। ‘लैंडर’ का नाम भारत के अंतरिक्ष मिशन के जनक विक्रम साराभाई के नाम पर ‘विक्रम’ रखा गया है।