करतापुर गलियारे से भारतीय श्रद्धालुओं का पहला जत्था हुआ पाकिस्तान में दाखिल
First batch of Indian pilgrims enters Pakistan through Kartarpur corridor
करतारपुर (पाकिस्तान): सिख धर्म के संस्थापक गुरू नानक देवजी के 550 वें प्रकाश पर्व से पूर्व खोले गए ऐतिहासिक करतारपुर गलियारे से सिख श्रद्धालुओं का पहला ‘जत्था’ पाकिस्तान में दाखिल हुआ। यह गलियारा पाकिस्तान में स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब को पंजाब के गुरदासपुर जिले में स्थित डेरा बाबा नानक से जोड़ता है। गुरुद्वारा दरबार साहिब में ही सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने अपने जीवन के अंतिम वर्ष गुजारे थे। उससे पहले मोदी ने 500 भारतीय श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को यह कहते हुए गलियारे के रास्ते गुरुद्वारा दरबार साहिब के लिये रवाना किया कि करतारपुर गलियारा खुलने से दरबार साहिब गुरुद्वारे में दर्शन करना आसान हो जाएगा ।
मोदी ने कहा कि देश को करतारपुर गलियारा समर्पित कर पाना उनका सौभाग्य है। उन्होंने कहा कि करतारपुर गलियारा और एकीकृत जांच चौकी के खुलने से लोगों को दोगुनी खुशी मिलेगी । पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भारतीय तीर्थयात्रियों का स्वागत करेंगे जिनमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, अकाल तख्त के जत्थेदार हरप्रीत सिंह, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर सिंह बादल, केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल तथा नवजोत सिंह सिद्धू शामिल हैं। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी (एसजीपीसी) के सदस्य और पंजाब के सभी 117 विधायक और सांसद भी इस जत्थे में शामिल होंगे। गुरू नानक देव के 550 वें प्रकाश पर्व के मौके पर सिखों को बधाई देते हुए खान ने कहा कि ऐतिहासिक करतारपुर साहिब गलियारे को खोलना क्षेत्रीय शांति बनाए रखने में पाकिस्तान की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
इस मौके पर अपने संदेश में पाक प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि क्षेत्र की समृद्धि का रास्ता और आने वाली पीढ़ियों का उज्ज्वल भविष्य शांति में निहित है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज हम केवल सीमा नहीं खोल रहे हैं बल्कि सिख समुदाय के लिए अपने दिलों को भी खोल रहे हैं।’’ खान ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा दिखायी सद्भावना की अभूतपूर्व भावना बाबा गुरु नानक देव और सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं के लिए उसके गहरे सम्मान को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान मानता है कि अंतर-धार्मिक सौहार्द्र और शांति के एक साथ रहने से इस उपमहाद्वीप के लोगों के वृहद हितों के लिए काम करने का अवसर मिलेगा। द्विपक्षीय संबंधों में तनाव के बावजूद भारत और पाकिस्तान ने पिछले महीने एक करार कर करतारपुर गलियारे के उद्घाटन का मार्ग प्रशस्त किया था। इस समझौते के तहत पाकिस्तान रोजाना 5000 भारतीय श्रद्धालुओं को गुरूद्वारा करतारपुर साहिब जाने की इजाजत मिलेगी।