बेंगलुरु: दक्षिणपंथी संगठनों ने शुक्रवार को शिक्षाविद एवं लेखक के. एस. भगवान की किताब के विरोध में प्रदर्शन किया। आरोप है कि के. एस. भगवान ने अपनी किताब में भगवान राम को गलत तरीके से पेश किया है और अपमानजनक संदर्भ का जिक्र किया है। कन्नड़ पुस्तक रामा मंदिरा येके बेड़ा (राम मंदिर की जरूरत क्यों नहीं है) में दावा किया गया है कि राम कोई भगवान नहीं थे और उनमें भी किसी आम इंसान की तरह कमजोरियां थीं। किताब में भगवद्गीता के संदर्भों का उल्लेख करते हुए भगवान राम के चरित्र के बारे में आलोचनात्मक उल्लेख है, जिसे लेकर विवाद हो रहा है। दखिणपंथी संगठनों ने इसे अपमानजनक बताया है। लेखक ने हालांकि अपनी रचना का बचाव किया है और कहा है कि यह पुस्तक वाल्मीकि रामायण पर आधारित है।
हिंदू समर्थक कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को उनके घर के सामने विरोध-प्रदर्शन किया और गिरफ्तारी दी। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी की चुप्पी को लेकर भाजपा की कर्नाटक ईकाई ने उन पर निशाना साधा और भगवान को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की। पार्टी ने ट्वीट किया, ‘‘क्या टीपू सुल्तान के विरोध में बोलने वाले पत्रकार संतोष थमैया को गिरफ्तार करने वाली एचडी कुमारस्वामी की सरकार भगवान राम का अपमान करने और हिंदुत्व पर ओछी टिप्पणी करने के लिये के. एस. भगवान को भी गिरफ्तार करेगी। आखिर सरकार इस अपराधी को गिरफ्तार करने की बजाय सुरक्षा मुहैया करा कर बचा क्यों रही है?
राज्य के वरिष्ठ भाजपा नेता एवं विधायक एस.सुरेश कुमार ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा कि राज्य सरकार के पास दो विकल्प हैं या तो वह भगवान को जेल भेजे या उन्हें पागलखाने भेजे। इस बीच फेसबुक पेज मैंगलोर मुस्लिम्स के संचालकों ने कन्नड़ समाचार चैनल के पत्रकार अजित हनमकणवर को बृहस्पतिवार अपने कार्यक्रम में भगवान की लिखी किताब पर चर्चा के दौरान कथित रूप से उनकी धार्मिक भावनाएं आहत करने के लिये जान से मारने की धमकी दी है।
फेसबुक पेज के एडमिन ने पत्रकार को धमकी दी है कि वह दो दिन के अंदर लाइव कार्यक्रम में माफी मांगें वरना उनकी हत्या कर दी जायेगी। किताब को लेकर विवाद गहराता देख पुलिस ने भगवान के घर के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी है और उन्हें किसी भी जगह अकेले जाने से बचने के लिये कहा है। पीटीआई-भाषा से बात करते हुए हनमकणवर ने कहा कि उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराने और सुरक्षा मांगने का फैसला किया है।