इंदौर (मध्यप्रदेश)। दिल्ली से पिछले महीने इंदौर आये तबलीगी जमात के नौ सदस्यों पर पुलिस ने प्रशासनिक आदेशों के उल्लंघन और अन्य आरोपों में प्राथमिकी दर्ज की है। विजय नगर पुलिस थाने के प्रभारी तहजीब काजी ने बुधवार को बताया कि मस्जिद परिसर में रुके पाये गये नौ आरोपी मूलतः दिल्ली और बिहार से ताल्लुक रखते हैं जिनमें एक नाबालिग लड़का शामिल है। ये लोग तबलीगी जमात से जुड़े हैं। उन्होंने बताया, "पूछताछ में आरोपियों ने दावा किया है कि उन्होंने दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में पिछले दिनों आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया था। हालांकि, हमने सावधानी के तौर पर उन्हें पृथक वास में भेजा दिया है। इनकी कोविड-19 की जांच करायी जा रही है।"
काजी ने बताया कि तबलीगी जमात के सदस्य दिल्ली के ओखला इलाके से धर्म प्रचार के लिये तीन मार्च को इंदौर आये थे। इसके बाद वे इंदौर के श्रीनगर और खजराना इलाकों में रहे थे। वे शहर के विजय नगर क्षेत्र में 18 मार्च को पहुंचे थे। थाना प्रभारी के मुताबिक इन लोगों पर आरोप है कि उन्होंने कोविड-19 के प्रकोप से निपटने के लिये जिला प्रशासन के जारी आदेशों का उल्लंघन किया और अपनी सेहत की जांच नहीं करायी। पुलिस या अन्य सक्षम प्राधिकारी को इंदौर आने की सूचना भी नहीं दी।
काजी ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (किसी सरकारी अधिकारी का आदेश नहीं मानना) के साथ ही महामारी अधिनियम और अन्य सम्बद्ध प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है। उन्होंने बताया कि मामले की विस्तृत जांच जारी है। आरोपियों की कोविड-19 की जांच रिपोर्ट आने के बाद पुलिस इन्हें लेकर अगला कदम उठायेगी। इस बीच, प्रदेश भाजपा प्रवक्ता उमेश शर्मा ने मांग की कि इंदौर में कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर तबलीगी जमात के लोगों समेत ऐसे सभी व्यक्तियों के खिलाफ बारीकी से जांच होनी चाहिये जो प्रशासन के आदेश नहीं मान रहे हैं।
उन्होंने कहा, 'तबलीगी जमात के लोग या जो भी अन्य व्यक्ति कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को नजरअंदाज करते हुए यहां-वहां घूम रहे हैं, ऐसे सभी लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाये जाने चाहिये।' इंदौर, देश में कोरोना वायरस के प्रकोप से सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों में शामिल है। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक इस शहर में बुधवार सुबह तक कोविड-19 के कुल 544 मरीज हैं। इनमें से 37 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है।