नई दिल्ली: पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वित्त मंत्रालय के अधिकारियों की बैठक ली। इस बैठक के बाद पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय वजहों से तेल के दाम बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया के अन्य देशों की तुलना में भारत का ग्रोथ रेट काफी अधिक है। हमारे यहां मुद्रास्फीति की दर एक मॉडरेट रेंज में है।
वित्त मंत्री ने कहा कि इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई है और कुछ अहम फैसले लिए गए हैं। इसमें इंफ्रास्ट्रक्चर लोन की शर्तों पर दोबारा विचार करने का फैसला लिया गया। वहीं 2018-19 मसाला बॉन्ड पर टैक्स की छूट का भी फैसला लिया गया। इस बैठक में गैर जरूरी आयात में कटौती का भी फैसला लिया गया।
वित्त मंत्री ने कहा कि पीएम के सामने दिए प्रजेंटेशन में हमलोगों ने यह बताया कि राजकोषीय घाटे को मेंटेन करने का पूरा प्रयास कर रहे हैं और विश्वास है कि हम इसे मेंटेन कर पाएंगे। जेटली ने कहा कि प्रजेंटेशन में यह बताया गया कि कुछ वाह्य कारक हैं जैसे यूनाइटेड स्टेट्स की तरफ से लिए गए फैसले जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें बढ़ी है और उसका असर अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है।
वित्त मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री की तरफ से बुलाई गई इस मीटिंग में रिजर्व बैंक के गवर्नर, डिप्टी गवर्नर, वित्त मंत्रालय के अधिकारी और पीएमओ के अधिकारी मौजूद थे। इस बैठक में अर्थव्यवस्था से जुड़े कई अहम मसलों पर भी चर्चा हुई।