Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. बोफोर्स मामले की अंतिम सुनवाई अक्टूबर में

बोफोर्स मामले की अंतिम सुनवाई अक्टूबर में

बोफोर्स केस के आरोपियों को दिल्ली हाई कोर्ट ने मई 2005 में बरी कर दिया था। बोफोर्स केस 1987 में सामने आया था। स्वीडन से तोप खरीदने के सौदे में रिश्वत के लेनदेन के आरोपों में तत्कालीन प्रधानमंत्री दिवंगत राजीव गांधी और दिवंगत इतालवी कारोबारी ओतावियो क

Edited by: India TV News Desk
Published on: September 01, 2017 13:02 IST
Supreme-Court- India TV Hindi
Image Source : PTI Supreme-Court

नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय बोफोर्स हॉवित्जर तोपों के सौदे में रिश्वत लेने के मामले में कथित संलिप्तता के लिए अमेरिका में रह रहे हिंदुजा बंधुओं के खिलाफ फिर से आरोप बहाल किए जाने की एक याचिका पर अक्टूबर में सुनवाई करेगा। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाय. चंद्रचूड़ की सदस्यता वाली पीठ ने अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में मामले की अंतिम सुनवाई करने के निर्देश दिए हैं। ये भी पढ़ें: बकरीद पर कुर्बानी के खिलाफ खड़ा हुआ मुस्लिम समाज, जानें क्या है पूरा मामला

अदालत ने याचिकाकर्ता और अधिवक्ता अजय अग्रवाल द्वारा ताजा सबूतों का हवाला देते हुए मामले की जल्द सुनवाई की मांग करने के बाद यह निर्देश दिया। अग्रवाल ने 2005 में बोफोर्स मामले में हिंदुजा बंधुओं के खिलाफ सीबीआई मामला खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को शीर्ष न्यायालय में चुनौती दी थी।

बता दें कि बोफोर्स केस के आरोपियों को दिल्ली हाई कोर्ट ने मई 2005 में बरी कर दिया था। बोफोर्स केस 1987 में सामने आया था। स्वीडन से तोप खरीदने के सौदे में रिश्वत के लेनदेन के आरोपों में तत्कालीन प्रधानमंत्री दिवंगत राजीव गांधी और दिवंगत इतालवी कारोबारी ओतावियो क्वात्रोकी के नाम घिर गए थे।

इससे पहले सीबीआई ने कहा था कि वह बोफोर्स मामले की दोबारा जांच तभी कर सकती है, जब सुप्रीम कोर्ट या केंद्र सरकार आदेश दे। जांच एजेंसी की यह टिप्पणी एक संसदीय समिति के उस सुझाव के बाद आई, जिसमें कहा गया था कि बोफोर्स मामले को फिर से खोलना चाहिए। संसदीय समिति ने सुझाव दिया कि बोफोर्स तोप की खरीदारी में हुई अनियमितता के मामले को फिर से खोला जाना चाहिए, क्योंकि पिछली जांच में कई 'खामियां' हैं।

सीबीआई के प्रवक्ता आर.के.गौड़ ने आईएएनएस से कहा, "मामले की दोबारा जांच के लिए हमें अदालत या केंद्र सरकार के आदेश की जरूरत है। क्या एक समिति सीबीआई से एक जांच की सिफारिश कर सकती है।" बीजू जनता दल (बीजद) सांसद भर्तृहरि महताब की अध्यक्षता वाली लोक लेखा समिति (पीएसी) से जुड़ी रक्षा से संबंधित उप समिति ने सुझाव दिया कि मामले को दोबारा खोला जाना चाहिए।

समिति के एक सदस्य ने पहचान जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि समिति द्वारा यह सुझाव दिया गया है, क्योंकि यह महसूस किया गया है कि पिछली जांच में कई खामियां थीं।सीबीआई के निदेशक आलोक कुमार गुरुवार को समिति के समक्ष पेश हुए, जिनसे बोफोर्स सौदे में प्रणालीगत नाकामी (सिस्टेमेटिक फैल्योर) तथा शीर्ष राजनीतिज्ञों व अधिकारियों के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोपों की जांच करने को कहा गया।

सदस्य ने कहा, "उस वक्त सरकार मामले को बंद करना चाहती थी। जांच दोबारा शुरू करना सरकार तथा सर्वोच्च न्यायालय पर निर्भर करता है..समिति ने एक सुझाव दिया है।"रक्षा मंत्रालय से मामले से संबंधित फाइलों के गुम होने के बारे में पूछे जाने पर सदस्य ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि फाइलें अदालत में है।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement