जयपुर: राजस्थान के बाड़मेर में पाकिस्तान बॉर्डर के बिल्कुल नजदीक नेशनल हाईवे पर फाइटर प्लेन की लैंडिग हुई है। इस नेशनल हाईवे के 4 किमी के एक हिस्से को इस तरह से बनाया गया है कि इस पर फाइटर जेट की लैंडिंग हो सकती है। पाकिस्तान बॉर्डर के करीब बने इस एयर स्ट्रिप पर आज फाइटर जेट ने टच डाउन किया है। एनएचआईए ने एयरफोर्स के साथ मिलकर इस हवाई पट्टी को तैयार किया गया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी इस एयर स्ट्रिप का कल उद्घाटन करेंगे। दोनों मंत्री वायुसेना के विमान में सवार होकर इस एयर स्ट्रिप पर लैडिंग करेंगे। इस हवाई पट्टी का काफी सामरिक महत्व है क्योंकि यह पाकिस्तान बॉर्डर के बेहद करीब है। इस एयर स्ट्रिप का इस्तेमाल फॉरवर्ड बेस के तौर पर किया जा सकता है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने भारतीय वायु सेना के लिए आपातकालीन स्थिति में विमान उतारने के वास्ते एनएच-925ए के सट्टा-गंधव खंड के तीन किलोमीटर के हिस्से पर ‘ईएलएफ’ का निर्माण किया है। यह सुविधा भारतमाला परियोजना के तहत गगरिया-बखासर और सट्टा-गंधव खंड के नव विकसित ‘टू-लेन पेव्ड शोल्डर’ का हिस्सा है, जिसकी कुल लंबाई 196.97 किलोमीटर है और इसकी लागत 765.52 करोड़ रुपये है। ‘पेव्ड शोल्डर’ उस भाग को कहा जाता है, जो राजमार्ग के उस हिस्से के पास हो जहां से वाहन नियमित रूप से गुजरते हैं ।
बयान में कहा गया कि यह परियोजना अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित बाड़मेर और जालौर जिलों के गांवों के बीच सम्पर्क में सुधार करेगी। इसके पश्चिमी सीमा क्षेत्र में स्थित होने से भारतीय सेना को निगरानी करने में मदद के साथ-साथ बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में भी सहायता मिलेगी। ऐसा पहली बार होगा जब भारतीय वायु सेना (आईएएफ) द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग का इस्तेमाल आपात स्थिति में विमान उतारने के लिए किया जाएगा।
बयान में कहा गया, ‘‘ गृह मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ‘इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड’ का उद्घाटन करेंगे और नौ सितंबर 2021 को राजस्थान के बाड़मेर जिले के दक्षिण में गंधव भाकासर खंड के राष्ट्रीय राजमार्ग-925 पर बने ईएलएफ पर विमान का संचालन भी देखेंगे।’’ ईएलएफ का निर्माण 19 महीने के अंदर पूरा किया गया है। इसका निर्माण कार्य जुलाई 2019 में शुरू किया गया था और जनवरी 2021 में यह सम्पन्न हो गया। आईएएफ और एनएचएआई की देखरेख में ‘जीएचवी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ ने इसका निर्माण किया है।
यह भारत का पहला राष्ट्रीय राजमार्ग है जिसका इस्तेमाल भारतीय वायुसेना के विमानों की आपात लैंडिंग के लिए किया जाएगा। अक्टूबर 2017 में, वायुसेना के लड़ाकू जेट और परिवहन विमानों ने लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर लैंडिंग का अभ्यास किया था ताकि यह दिखाया जा सके कि ऐसे राजमार्गों का उपयोग वायुसेना विमानों को आपात स्थिति में उतारने के लिए किया जा सकता है। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश सरकार के अधीन आता है।
सूत्रों के मुताबिक, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारियों ने बाड़मेर में राष्ट्रीय राजमार्ग पर हवाई पट्टी विकसित करने के लिए वायुसेना अधिकारियों के साथ समन्वय कर काम किया। उन्होंने कहा कि बाड़मेर में उपरोक्त इस राजमार्ग के अलावा देश भर में कम से कम 12 राष्ट्रीय राजमार्ग तैयार किए जा रहे हैं ताकि आपात स्थिति में वायुसेना के विमानों द्वारा उन्हें हवाई पट्टी के रूप में इस्तेमाल किया जा सके। सूत्रों ने बताया कि 12 राष्ट्रीय राजमार्गों के जिन हिस्सों को हवाई पट्टी के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा, उनकी पहचान की जा रही है और उन्हें तैयार किया जा रहा है।
इनपुट-भाषा