Tuesday, December 24, 2024
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आर्थिक पैकेज का स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तनकारी प्रभाव होगा: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को वित्त मंत्री द्वारा कोषित किए गए आर्थिक पैकेज पर कह का इन कदमों का स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तनकारी प्रभाव होगा। उन्होनें कहा कि नए उपायों से उद्यमशीलता को बढ़ावा मिलेगा, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों को मदद मिलेगी और गांवों की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : May 17, 2020 18:02 IST
Fifth tranche of economic package will have transformative impact on health, education sectors: PM M
Image Source : @TWITTER Fifth tranche of economic package will have transformative impact on health, education sectors: PM Modi

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वित्त मंत्री द्वारा घोषित किए गए आर्थिक पैकेज पर कहा की इन कदमों का स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तनकारी प्रभाव होगा। उन्होनें कहा कि नए उपायों से उद्यमशीलता को बढ़ावा मिलेगा, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों को मदद मिलेगी और गांवों की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इससे राज्यों के विकास को भी गति मिलेगी।

इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को आर्थिक पैकेज की पांचवी किश्त के बारें में जानकारी दी। वित्त मंत्री ने कहा था कि कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिये घोषित प्रोत्साहन आर्थिक पैकेज का कुल आकार 20.97 लाख करोड़ रुपये का हो गया है। उन्होंने पैकेज की पांचवीं किस्त की यहां एक संवाददाता सम्मेलन में रविवार को घोषणा करते हुए कहा कि कुल प्रोत्साहन पैकेज में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा मार्च में घोषित 8.01 लाख करोड़ रुपये के तरलता बढ़ाने (बैंकों के पास कर्ज देने के लिए धन की उपलब्धता) के उपाय भी शामिल हैं। 

इसके अलावा गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न और रसोई गैस सिलिंडर तथा समाज के कुछ वर्गों को नकदी मदद के रूप में 1.92 लाख करोड़ रुपये का मार्च में सरकार द्वारा घोषित शुरुआती पैकेज भी इस प्रोत्साहन पैकेज का हिस्सा है। पांच किस्तों में प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की शुरुआत 13 मई को हुई।उन्होंने बताया कि इसके तहत पहली किस्त में 5.94 लाख करोड़ रुपये के उपायों की घोषणा की गयी। पहली किस्त में छोटी कंपनियों के लिये ऋण सुविधायें और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी, सूक्ष्म वित्त संस्थानों (एमएफआई) और बिजली वितरण कंपनियों के लिये मदद के उपाय किये गये। 

वित्त मंत्री ने कहा कि दूसरी किस्त में फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों को दो महीनों तक मुफ्त खाद्यान्न और किसानों को ऋण समेत कुल 3.10 लाख करोड़ रुपये के उपाय किये गये। उन्होंने कहा कि तीसरी किस्त में कुल 1.5 लाख करोड़ रुपये के उपाय किये गये। इनमें कृषि की बुनियादी सुविधाओं पर व्यय तथा कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के लिये किये गये अन्य उपाय शामिल रहे। सीतारमण ने कहा कि चौथी और पांचवीं किस्त में संरचनात्मक सुधारों पर जोर दिया गया। इन दो आखिरी किस्तों में 48,100 करोड़ रुपये के उपाय किये गये। 

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