नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए Feluda टेस्टिंग कराने का फैसला लिया है। Feluda टेस्टिंग 1 दिसंबर से शुरू कर दी जाएगी। इस टेस्टिंग के जरिए 40 से 45 मिनट में कोरोना वायरस संक्रमण को डिटेक्ट किया जा सकता है। Feluda टेस्टिंग की रिपोर्ट RTPCR की रिपोर्ट से भी जल्दी तैयार हो जाती है।
Feluda टेस्टिंग की एफिशिएंसी 96 से 98 फीसदी तक है। इसका मतलब साफ है कि इसकी रिपोर्ट काफी सटीक और सही होती है। इसकी एक्यूरेसी बहुत अच्छी है। यह एक पेपर बेस्ड टेस्ट स्ट्रिप के जरिए की जाती है। Feluda टेस्टिंग एक पेपर स्ट्रिप बेस्ड टेस्टिंग होती है, जो RTPCR से भी ज्यादा जल्दी रिजल्ट बताती है।
बता दें कि Feluda टेस्टिंग की पेपर बेस्ड स्ट्रिप भारतीय वैज्ञानिकों ने तैयार की है। इसे काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च के इंस्टीट्यूट ऑफ जीनॉमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बॉयलजी (CSIR-IGIB) की टीम ने बनाया है। ये टेस्ट किट CRISPR जीन-एडिटिंग टेक्नोलॉजी पर आधिरित है। दरअसल, CRISPR खास तरह के जेनेटिक सीक्वेंस को पहचान लेता है।
Feluda टेस्टिंग के लिए इस्तेमाल की जाने वाली स्ट्रिप के लिए किसी मशीन की जरूरत नहीं है और न ही कोई खास स्किल चाहिए। कोरोना संक्रमण होने पर यह स्ट्रिप अपना रंग बदलेगी और उसी से कोरोना की पहहचान की जा सकेगी। अब भारत में बनी इस पेपर बेस्ड स्ट्रिप से दिल्ली में टेस्टिंग शुरू होने वाली है। CSIR ने डायरेक्टर जनरल शेखर सी. मंडे ने इसकी जानकारी दी।
CSIR ने डायरेक्टर जनरल शेखर सी. मंडे ने कहा कि दिल्ली में 1 दिसंबर से Feluda टेस्टिंग की जाएगा। इसका रिजल्ट 40 से 45 मिनट में आ जाता है, इसके जरिए RTPCR से भी जल्दी कोरोना संक्रमण की पहचान की जा सकती है। Feluda टेस्टिंग 96 से 98 फीसदी तक सटीक है। इसकी एक्यूरेसी बहुत अच्छी है।