पटना: जहां प्रेम के अंतहीन होने का अहसास हो, ब्रह्मांड का वही बिंदु बहन कहलाता है। ऐसे ही एक अंतहीन प्रेम का अहसास बिहार के काराकाट की हवाओं से उठकर अब मिसाल बन रहा है। वैसे तो किसी के दुनिया से जाने की कमी को कोई दूसरा कभी नहीं भर पाता लेकिन शहीद की बहन को अपनी हथेलियों पर विदा कर उनके साथियों ने स्नेह का विशाल व्याख्यान किया।
शहीद कमांडो ज्योति प्रकाश निराला की बहन की शादी का मौका था। बहन की खुशियों के बीच शहीद भाई की यादें टीस बनकर चुभ न जाएं इसका ख्याल रखने के लिए शादी में शहीद कमांडो ज्योति प्रकाश निराला के साथी पहुंच थे। वह यहां सिर्फ पहुंचे ही नहीं थे बल्कि उन्होंने शादी की तमान रस्मों में हिस्सा लिया और शहीद की बहन को भाई की कमी का अहसास नहीं होने दिया। शहीद की बहन शशि कला ने भाव विह्वल होकर बताया कि गरुड़ कमांडो को देखकर भाई की कमी नहीं खली।
बताया जा रहा है कि वायुसेना की जिस टीम में शहीद कमांडो ज्योति प्रकाश निराला थे उसमें कुल 100 गरुड़ कमांडो थे। निराला की बहन को अपनी बहन मान चुके टीम के सभी कमांडोज ने शादी का खर्च उठाया। विदित हो कि शहीद कमांडो ज्योति को गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अशोक चक्र से सम्मानित किया था। वे कश्मीर के बांदीपुरा में आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे। लेकिन, शहादत से पहले अकेले ही छह लश्कर आंतकियों को मार गिराया था।