नई दिल्ली: जम्मू एवं कश्मीर पुलिस द्वारा सेना पर दर्ज की गई एफआईआर में नामजद मेजर आदित्य कुमार के पिता ने अपने बेटे के खिलाफ मामला रद्द करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने कहा कि इससे राज्य में आतंकवादियों के खिलाफ लड़ रहे जवानों का मनोबल गिरेगा। जम्मू एवं कश्मीर पुलिस ने 27 जनवरी को फायरिंग की एक घटना में दो नागरिकों के मारे जाने के मामले में मेजर आदित्य कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
मेजर आदित्य कुमार और 10 गढ़वाल राइफल के अन्य जवान 27 जनवरी को दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के गानोवपोरा गांव में सेना के दस्ते परपथराव कर रही भीड़ पर गोली चलाने और तीन नागरिकों को गंभीर रूप से घायल करने के आरोपी हैं।मेजर के पिता लेफ्टिनेंट कर्नल करमवीर सिंह ने अपनी याचिका में कहा कि एफआईआर से राज्य में अपनी सेवाएं दे रहे जवानों के मनोबल को धक्का लगेगा।
उन्होंने कहा, "जिस तरह से, राज्य के राजनीतिक नेतृत्व और उच्च प्रशासन ने एफआईआर को चित्रित और पेश किया, वह अत्यधिक शत्रुतापूर्ण माहौल को दिखाता है।"याचिका के अनुसार, "इस परिस्थिति में, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के अंतर्गत, याचिकाकर्ता के पास अपने बेटे और खुद के मूलभूत अधिकारों की रक्षा के लिए संविधान के अनुच्छेद 32 के अंतर्गत अदालत का रुख करने के अलावा और कोई उपाय नहीं बचा।"
27 जनवरी को पथराव कर रही भीड़ पर फायरिंग की घटना में दो नागरिक मारे गए थे और एक अन्य घायल हो गया था। घायल नागरिक की भी बाद में मौत हो गई थी। सेना ने कहा था कि जवानों ने गांव में प्रशासनिक दस्ते पर हमले के बाद आत्मरक्षा में गोली चलाई थी।