नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने फारुख अब्दुल्ला की 6 प्रॉपर्टी को जब्त किया है। ईडी ने जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (JKCA) घोटाला मामले में ये कार्रवाई की है। ED ने PMLA एक्ट के तहत 11.86 करोड़ की प्रॉपर्टी को जब्त किया है।
जम्मू-कश्मीर क्रिकेट घोटाला मामले में शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला से संबंधित 2 घर, 3 प्लॉट और एक अन्य प्रॉपर्टी को सीज कर दिया है। इससे पहले फरवरी माह में ईडी ने एहसान अहमद मिर्जा और मीर मंजूर गजनफर की 2.6 करोड़ की संपत्ति जब्त की थी। वित्तीय अपराधों की जांच करने वाली एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय जम्मू-कश्मीर क्रिकेट निकाय से जुड़े धन-शोधन के आरोपों की जांच कर रही है। सीबीआई ने 2002-11 के बीच 43.69 करोड़ रुपये की कथित हेराफेरी के लिए 2018 में नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद अब्दुल्ला और तीन अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।
दरअसल, साल 2005-06 से 2011-12 तक J&KCA को BCCI से 94.06 करोड़ का फंड अलॉट हुआ था, जो कि J&K में क्रिकेट के डेवलेपमेंट के लिए था। लेकिन आरोप है कि J&K के पूर्व मुख्यमंत्री और J&KCA के तत्कालीन अध्यक्ष फारूख अब्दुल्ला ने अहसान अहमद मिर्जा और मीर मंजूर गजनफर के साथ मिल कर 43.69 करोड़ रुपये का घोटाला किया और अपने बैंक खातों में इन पैसों को जमा कराया या कैश निकाल लिया।
जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने JKCA में हुए घोटालों को लेकर जांच सीबीआई को सौंप दी थी, जिसमें फारूख अब्दुल्ला समेत खंजाची एहसान एहमद मिर्जा और मीर मंजूर गज्फनर समेत दूसरे आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज जांच शुरू की थी और उसी के आधार पर ईडी ने मनी लॉड्रिंग का मामला दर्ज किया था। ईडी ने जांच में पाया कि 2004 में JKCA के खजांची मुख्तारकांत ने इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद फारुख अब्दुल्ला ने एहसान अहमद मिर्जा को बिना इलेक्शन करवाए कोषाध्यक्ष बना दिया। 2006 में जब JKCA के इलेक्शन हुए तो मीर मंजूर गजनफर JKCA के खज़ांची बने, लेकिन कोर्ट के स्टे के कारण एहसान अहमद मिर्जा ही चार्ज संभाले रहे। जब कोर्ट का स्टे हट गया तो मीर मंजूर गजनफर को खजांची का चार्ज देने के बजाये फारूख अब्दुल्ला ने एक फाइनेंस कमेटी बना दी और दोनों को JKCA के खाते चलाने की मंजूरी दे दी।
आरोप है कि इसके बाद दोनों ने J&K बैंक में संयुक्त नाम से अपने खाते खुलवा लिए और जेकेसीए के डेवलेपमेंट के लिये आये पैसों को अपने खाते में ट्रांसफर कर लिया। 2009 में हुए JKCA के चुनावों में एहसान अहमद मिर्जा खजांची बने और 2011 में हुए चुनावों में जनरल सेक्रेटरी और फारुख अब्दूल्ला अधयक्ष बने। आरोप है कि 2004 से 2012 तक लगातार JKCA के खातों से पैसे निजी खातों में जाते रहे।
आपको बता दें कि, हाल ही में फारुख अब्दुल्ला ने कहा था कि हम चीन की मदद से जम्मू कश्मीर में फिर से धारा 370 लागू करवाएंगे, इससे पहले फारुख अब्दुल्ला ने कहा था कि हम चाहते हैं जम्मू कश्मीर पर चीन शासन करे। फारुख अब्दुल्ला ने ये बयान ऐसे समय में दिया था जब भारत और चीन के मध्य पिछले की महीनों से तनातनी चल रही है।