श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में 14 महीनों के बाद सियासी हलचल शुरू हो गई है। नजरबंदी से रिहा होते ही महबूबा मुफ्ती और फारूख अब्दुल्ला ने हाथ मिला लिया। बीजेपी से लड़ने के लिए पुरानी अदावत को भुला दिया। जो लोग डेढ़ साल पहले तक एक दूसरे को गालियां देते थे, जो लोग एक दूसरे को कश्मीर का दुश्मन बताते थे, उन्होंने आज एलान किया कि वो एक हैं मिलकर लड़ेंगे। जम्मू कश्मीर में आर्टिकिल 370 को फिर से बहाल करवा कर रहेंगे। आज फारूख अब्दुल्ला ने अपने घर पर महबूब समेत सभी विरोधी दलों के नेता को मीटिंग पर बुलाया था। मजे की बात ये है कि कांग्रेस का कोई नेता इस मीटिंग में शामिल नहीं हुआ। कांग्रेस को आमन्त्रित किया गया थालेकिन कांग्रेस ने इस मामले में बीच की लाइन ली है।
महबूबा मुफती और फारुक अब्दुल्ला के बीच अलायंस
हालांकि दो दिन पहले मीटिंग का एजेंडा ही गुपकार डिक्लेरेशन पर चर्चा करना था लेकिन महबूबा वक्त पर फारूख के घर पहुंच गईं। करीब डेढ़ घंटा मीटिंग चली। इसके बाद फारूख ने कहा कि अब मिलकर लडेंगे। आर्टिकिल 370 की बहाली के लिए जद्दोजहद करेंगे। हले फारूख अब्दुल्ला ने कहा था कि आर्टिकिल 370 को वापल लागू करवाने में चीन की मदद लेंगे लेकिन आज उन्होंने चीन की बात नहीं की। यह जरूर कहा कि वो अपनी लडाई संवैधानिक तरीके से लड़ेंगे और मिलकर लड़ेंगे।
नए अलायंस में NC-PDP समेत छह पार्टी शामिल
इसके लिए आज जम्मू कश्मीर में एक नया एलायन्स बना है। इस एलायन्स का नाम है पूपल्स अलायन्स फॉर गुपकार डिक्लेरेशन। इस एलायन्स में फारूख अब्दुल्ला की पार्टी नेशन्ल कॉन्फ्रैंस और महबूबा मुफ्ती की पार्टी PDP के अलावा आवामी नेशनल कॉन्फ्रैस और CPI समेत कुल छह पार्टियां हैं। मजे की बात ये है कि कांग्रेस इस अलायन्स का हिस्सा नहीं हैं। असल में पिछले साल 4 अगस्त को महबूबा मुफ्ती और फारूख अब्दुल्ला की मीटिंग हुई थी जिसमें गुपकार डिक्लेरेशन बना था। इसमें जम्मू कश्मीर को स्पेशल स्टेटस और किसी भी कीमत पर आर्टिकिल 370 से छेड़छाड़ को बर्दाश्त न करने क बात कही गई थी लेकिन नरेद्र मोदी की सरकार ने अगले ही दिन 5 अगस्त को धारा 370 को खत्म कर दिया। इस फैसले पर पार्लियामेंट की मुहर लग गई।
नए अलायंस को लेकर फारुक अब्दुल्ला का बयान
नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि हमने फैसला किया है कि गुपकार समझौते का नाम People’s Allaince for Gupkar Declaration होगा। हमारा मकसद है कि जो संवैधानिक हालात पिछले साल 5 अगस्त को थे उसको बहाल किया जाए। हमारी जद्दोजहद इस पर टिकी है कि रियासत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को वापस सारे अधिकार दिए जाएं जो हमसे छीने गए हैं और इसके साथ-साथ हमारे सियासी मसले हैं उसका अभी हल नहीं हुआ है उसका हल होना बाकी है। उसके लिए भी हम चाहते हैं कि कदम उठाया जाएइसका फौरन सियासी हल ढूंढा जाए वो सारे लोग जो इसमें शामिल हैं जम्मू-कश्मीर के मसले में उनसे बातचीत से ये मुद्दा हल किया जाए।
'आर्टिकल 370 की बहाली के लिए जद्दोजहद करेंगे'
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जो लोग अभी भी कैद में हैं, नजरबंद हैं, उन्हें तुरंत रिहा किया जाए। दरअसल फारूख अब्दुल्ला जानते हैं कि अगर आर्टिकिल 370 के मुद्दे पर लड़ना है तो अलग अलग रहकर नहीं लड़ा जा सकता। इसके लिए कभी दलों को साथ चलना होगा इसीलिए फारूख ने महबूबा के रिहा होते ही कल उमर अब्दुल्ला को उनके घर भेजा था। इसके बाद आज महबूबा को मीटिंग के लिए अपने घऱ बुलाया फारूख ने कहा कि केन्द्र सरकार ने कश्मीर के लीडर्स को गैरकानूनी तरीके से जेल में रखा है।
जम्मू कश्मीर बीजेपी के चीफ रविंद्र रैना ने कहा कि जो लोग आतंकवाद और अलगाववाद की वापसी चाहते हैं। कश्मीर के अमन को आग लगाना चाहते हैं वो अब एकजुट हो गए और एक होकर 370 की वापसी की मांग कर रहे हैं लेकिन कितनी भी कोशिश कर लें कामयाब नहीं होंगे।