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नए कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए किसानों ने की संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने की मांग

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहा किसानों का आंदोलन बुधवार को भी जारी है। किसानों की मांग है कि नए कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए केंद्र सरकार संसद का विशेष सत्र आहूत करे। प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि अगर मांगें नहीं मानी गयीं तो राष्ट्रीय राजधानी की और सड़कों को अवरुद्ध किया जाएगा।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : December 02, 2020 18:44 IST
Farmers Union demand special parliament session to repeal farm laws
Image Source : PTI केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहा किसानों का आंदोलन बुधवार को भी जारी है।

नयी दिल्ली: केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहा किसानों का आंदोलन बुधवार को भी जारी है। किसानों की मांग है कि नए कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए केंद्र सरकार संसद का विशेष सत्र आहूत करे। प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि अगर मांगें नहीं मानी गयीं तो राष्ट्रीय राजधानी की और सड़कों को अवरुद्ध किया जाएगा। संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए किसान नेता दर्शन पाल ने आरोप लगाया कि केंद्र किसान संगठनों में फूट डालने का काम कर रहा है, लेकिन ऐसा नहीं हो पाएगा। 

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उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने तक अपना आंदोलन जारी रखेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए केंद्र को संसद का विशेष सत्र आहूत करना चाहिए।’’ किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि अगर केंद्र तीनों नए कानूनों को वापस नहीं लेगा तो किसान अपनी मांगों को लेकर आगामी दिनों में और कदम उठाएंगे। संवाददाता सम्मेलन के पहले करीब 32 किसान संगठनों के नेताओं ने सिंघू बॉर्डर पर बैठक की जिसमें भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी शामिल हुए।

किसान यूनियन हरियाणा प्रेसिडेंट दर्शन पाल ने कहा कि हम तीन कानूनों को लिखकर देंगे, क्या दिक्कत है इन कानूनों से। हमारी बात मानते हैं तो ठीक, नहीं तो प्रदर्शन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि इस कानून को रद्द करें। टिकरी बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर के साथ सभी बॉर्डर सील कर दिए जाएंगे। देश भर में प्रदर्शन शुरू हो जाएगा। इस मीटिंग के साथ-साथ राकेश टिकैत का साथ भी मिल गया है। किसान नेताओं ने कहा कि पूरे देश मे किसान 5 दिसंबर को मोदी सरकार का पुतला दहन करेंगे। 

किसान नेता दर्शन पाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केंद्र को नए कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए संसद का विशेष सत्र आहूत करना चाहिए। कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने तक हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि अगर सरकार हमारी मांगें नहीं मानेगी तो हम और कदम उठाएंगे।

चिल्ला बॉर्डर पर किसान नेता भानु प्रताप सिंह ने कहा कि जब तक हमारी PM मोदी से आमने-सामने बैठकर बात नहीं होगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा। जब हरियाणा-पंजाब के किसानों को दिल्ली आने से रोका गया तो हमने जल्दबाजी में दिल्ली कूच किया। हम तैयारी से नहीं आए थे पर अब यहीं रहेंगे और तैयारी करते रहेंगे। 

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