नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। ऐसे में मुख्यमंत्री के खिलाफ हरियाणा के किसान संगठनों ने फैसला किया है कि 24 मई 2021 को हिसार कमिश्नरी का घेराव करेंगे। वहीं किसानों ने 26 मई को देशभर में विरोध दिवस मनाने का आह्वान किया है। संयुक्त किसान मोर्चा के अनुसार, हरियाणा के हिसार में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का विरोध कर रहे किसानों के खिलाफ पुलिस ने हिसंक कार्रवाई की। इसमें कई किसानों को गहरी चोटें भी आई थीं व कई किसानों को गिरफ्तार कर लिया गया था।
किसानों के भारी विरोध के बाद पुलिस ने किसानों पर कोई केस न दर्ज करने का फैसला लिया, लेकिन पुलिस ने 350 से अधिक किसानों के खिलाफ पुलिस केस दर्ज कर लिए। इसी बीच हरियाणा के किसान संगठनों ने फैसला किया है कि 24 मई को हिसार कमिश्नरी का घेराव किया जाएगा। इसके लिए सुबह 10 बजे सभी किसान क्रांतिमान पार्क में इकट्ठे होंगे।
सयुंक्त किसान मोर्चा ने आसपास के किसानों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचने की अपील की है। किसानों की मांग है कि उन पुलिस अधिकारियों व पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई हो, जिन्होंने अमानवीय तरीके से किसानों पर हमले किए व लाठीचार्ज, आंसूगैस और पत्थरबाजी के सहारे किसानों के प्रदर्शन को रोका। वहीं मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो, जिन्होंने कोविड गाइडलाइंस को दरकिनार कर यह कार्यक्रम किया।
विरोध प्रदर्शन में पंजाब के वरिष्ठ किसान नेताओं के साथ-साथ संयुक्त किसान मोर्चा के नेता भी पहुंचेंगे। इसके अलावा संयुक्त किसान मोर्चा ने 26 मई को देशभर में विरोध दिवस मनाने का आह्वान किया है और सभी देशवासियों से अपने घर और वाहन पर काला झंडा लगाने और मोदी सरकार के पुतले जलाने की अपील की है। चूंकि इसी दिन भगवान बुद्ध के जन्म, निर्वाण और परिनिर्वाण का उत्सव 'बुद्ध पूर्णिमा' भी पड़ता है, इसलिए संयुक्त किसान मोर्चा ने यह फैसला किया है कि उस दिन सभी मोचरें और धरनों पर अपने अपने तरीके से बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाएगी।
किसान आंदोलन के दिल्ली की सीमाओं पर 6 महीने पूरा होने पर व केंद्र की मोदी सरकार को 7 साल पूरा होने पर संयुक्त किसान मोर्चा ने इस दिन मोदी सरकार के विरोध स्वरूप काले झंडे लगाने का फैसला किया है। इस दिन मोदी सरकार के पुतले जलाने का भी आह्वान किया गया है। इस दिन देशवासियों से अपील है कि "वे अपने घरों, दुकानों, वाहनों समेत सोशल मीडिया पर काले झंडे लगाकर किसान विरोधी-जनता विरोधी मोदी सरकार का विरोध करें।"
इस मुहिम का देश की ट्रेड यूनियन, छात्र संगठन व तमाम जनवादी संगठन समर्थन कर रहे हैं।