नई दिल्ली: किसान सिंघु बॉर्डर से हिलने का नाम नहीं ले रहे हैं। दिल्ली हरियाणा बॉर्डर पर लगातार किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। किसानों का मानना है कि अगर बुराड़ी जाकर प्रदर्शन किया तो, जो आंदोलन है वो कमजोर पड़ जाएगा। जिसके कारण किसानों ने इस बात का फैसला किया है कि वो बुराड़ी नहीं जाएंगे और अपना प्रदर्शन यहीं जारी रखेंगे। हालाकि ऐसी भी बातें सामने आ रही हैं कि किसानों के नेता सिघु बॉर्डर से कुछ ही दूरी पर इस बात को लेकर बैठक कर रहे हैं कि आगे की रणनीति क्या होगी। निरंकारी जाना है या फिर यहीं पर डटे रहना है।
सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन उग्र होने के बाद फिलहाल शांति बनी हुई है और पुलिस प्रशासन द्वारा बैरिकेडिंग की गई है। डीसीपी नार्थ वेस्ट विजयन्ता आर्य द्वारा भी किसानों को समझने की कोशिश की गई, लेकिन किसान नहीं माने। किसानों ने अब मीडिया से बात करना भी बंद कर दिया है। क्योंकि किसानों को लग रहा है कि मीडिया उन्हें विलन की तरह दिखाने की कोशिश कर रही है।
बॉर्डर बंद होने की वजह से दिल्ली से पंजाब सफर करने वालों के लिए समस्या खड़ी हो गई है। कुछ तो पुरानी दिल्ली से ही पैदल अंबाला की ओर सफर करने पर मजबूर हो गए हैं। सर पर भारी भारी बैग लेकर अपने गन्तव्य की ओर रवाना हो चुके हैं। फिलहाल किसानों का कहना है कि मोदी सरकार किसान विरोधी सरकार है और नए कानूनों से किसान बर्बाद हो जाएगा।
बता दें कि इससे पहले दिल्ली पुलिस ने कहा था कि केंद्र के नये कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में दाखिल होने और शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अनुमति दे दी गई है। यह कदम सिंघू बार्डर पर किसानों और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच संघर्ष के बीच उठाया गया था। पुलिस ने कहा कि किसानों को उत्तरी दिल्ली के निरंकारी ग्राउंड में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अनुमति दी गयी है।
दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी ऐश सिंघल ने कहा, ‘‘किसान नेताओं के साथ बातचीत के बाद प्रदर्शनकारी किसानों को दिल्ली में बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अनुमति दी गयी है। हम किसानों से शांति बनाये रखने की अपील करते हैं।’’
इससे पहले दिन में दिल्ली पुलिस ने सिंघु बार्डर पर किसानों को तितर-बितर करने के लिए आंसूगैस का इस्तेमाल किया क्योंकि ये लोग केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ अपने मार्च के तहत राष्ट्रीय राजधानी की ओर बढ़ने का प्रयास कर रहे थे। किसानों ने दिल्ली में दाखिल होने के प्रयास में पुलिस पर पथराव भी किया और बैरीकेड के साथ तोड़-फोड़ की। किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए शहर की सीमाओं पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।