चंडीगढ़: पंजाब के कई स्थानों पर किसानों ने कोविड-19 संक्रमण और मौतों के बढ़ते आंकड़ों की वजह से राज्य सरकार द्वारा लगाए गए सप्ताहांत लॉकडाउन के विरोध में शनिवार को प्रदर्शन किया। हालांकि, किसानों द्वारा लॉकडाउन का उल्लंघन करने की अपील के बावजूद दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद रखी। केंद्र के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के 32 संगठनों ने राज्य में सप्ताहांत लॉकडान का विरोध सड़कों पर करने की घोषणा की थी और उन्होंने किसानों से भी पाबंदी की अवहेलना करने का आह्वान किया था।
कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बीच किसानों ने मोगा, पटियाला, अमृतसर, अजनाला, नाभा, जालंधर, होशियारपुर, बठिंडा सहित कई स्थानों पर विरोध मार्च निकाला। अपने-अपने संगठनों के झंडों के साथ किसानों ने बाजार में मार्च निकाला और लाउडस्पीकर के माध्यम से दुकानदारों और कारोबारियों से अपनी-अपनी दुकानें खोलने की अपील की। इस मार्च में महिलाएं भी शामिल थीं। हालांकि, दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद रखी। किसानों के प्रदर्शन के चलते पूरे राज्य में पुलिस कर्मियों की पर्याप्त संख्या में तैनाती की गई थी।
पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के महासचिव समीर जैन ने कहा,‘‘हमने किसानों से कहा कि हम राज्य की कानून-व्यवस्था के खिलाफ नहीं जाएंगे, सरकार जो भी फैसला करेगी हम उसका अनुपालन करेंगे।’’ लुधियाना के कारोबारी सुनील मेहरा ने कहा कि दुकानदार लोकतांत्रिक तरीके से अपनी आवाज उठाते रहेंगे। उन्होंने सवाल किया, ‘‘हम कैसे दुकानें खोल सकते हैं जब राज्य में सप्ताहांत लॉकडाउन लगा हुआ है।’’ कुछ कारोबारियों ने कहा कि जिला प्रशासनों ने आश्वस्त किया है कि वे अगले हफ्ते से गैर आवश्यक सामान की दुकानों को भी खोलने का रास्ता निकालेंगे।
मोगा में भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्रहण) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने कहा, ‘‘हम दुकानदारों से अपील करते हैं कि वे अपनी दुकानों को खोलें। हम उनके साथ हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लॉकडाउन कोविड-19 संकट का समाधान नहीं है। कोकरीकलां ने आरोप लगाया कि दुकानदारों को अपनी दुकानें बंद करने के लिए मजबूर किया गया है। कोकरीकलां ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह स्वास्थ्य अवसंरचना को सुधारने के लिए कुछ नहीं कर रही है।
उल्लेखनीय है कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने किसानों द्वारा लॉकडाउन के बावजूद प्रदर्शन जारी रखने के फैसले के मद्देनजर शुक्रवार को पुलिस प्रमुख को निर्देश दिया था कि वह सप्ताहांत लॉकडाउन का कड़ाई से अनुपालन कराएं। अमृतसर में किसान नेता ने कहा कि अगर राज्य सरकार सप्ताहांत लॉकडाउन लगाना चाहती है तो उसे दुकानदारों को राशन देना चाहिए और बिजली बिल व अन्य कर माफ करने चाहिए।