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Exclusive: बैठक के पहले केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा- सरकार जिद पर नहीं अड़ेगी, कुछ सुझाव मान सकते हैं..

किसानों के साथ बैठक होने वाली बैठक से पहले कृषि मंत्री ने कहा कि कल (3 दिसंबर) समझाने पर किसान नहीं माने तो हम उनके कुछ सुझाव मान सकते हैं, सरकार जिद पर नहीं अड़ेगी।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: December 02, 2020 20:09 IST
Agriculture Minister, Narendra Singh Tomar, Farmers protest, Kisan andolan- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV INDIATV Exclusive: Agriculture Minister Narendra Singh Tomar on farm bills 2020

नई दिल्ली। नए कृषि कानून 2020 को लेकर जारी किसान आंदोलन के बीच किसान नेताओं के साथ 3 दिसंबर (गुरुवार) को होने वाली बैठक से पहले इंडिया टीवी संवाददाता देवेंद्र पाराशर ने बुधवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से एक्सक्लूसिव बातचीत की। इंडिया टीवी संवाददाता ने कृषि कानून को लेकर फैलाए जा रहे सभी भ्रमों को लेकर किसानों के मन में उठ रहे सवालों को कृषि मंत्री के सामने रखा। किसानों के साथ बैठक से पहले किसान आंदोलन को लेकर कृषि मंत्री का बड़ा बयान देते हुए कहा कि कल (3 दिसंबर) समझाने पर किसान नहीं माने तो हम उनके कुछ सुझाव मान सकते हैं, सरकार जिद पर नहीं अड़ेगी। बातचीत के जरिए हम किसी नतीजे पर पहुंचेंगे। किसानों से खुले मन से बिंदुवार बातचीत होगी।

कृषि मंत्री ने एमएसपी को लेकर पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में कहा कि एमएसपी कभी भी कानून का हिस्सा नहीं थी, एमएसपी को कभी हटाया नहीं जाएगा। अब मंडी के बाहर भी किसानों को उचित दाम मिलेगा। मंडी चलती रहेगी और किसानों को एक और विकल्प दिया जाएगा। नए कृषि कानून से आढ़तियों को कोई नुकसान नहीं होगा। केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने आगे कहा कि किसान कम जोखिम में बड़ा मुनाफा कमाएंगे, छोटा किसान भी महंगी फसल उगा पाएगा। नए कृषि कानूनों में किसानों को पूरी सुरक्षा मिली है, किसान कभी भी करार से बाहर जा सकते है। साथ ही किसानों की जमीन को लेकर कोई लिखा पढ़ी नहीं होगी।

सवाल 'नए कृषि कानूनों को लाने से पहले क्या किसानों के साथ कोई सलाह मशविरा किया गया था' के जवाब में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि ये कहा जाना उचित नहीं है कि हड़बड़ी में कानून बनाया गया है। किसान और कृषि का क्षेत्र ये हमारे देश का प्रमुख क्षेत्र है। ये क्षेत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता पर भी है। विगत 6 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में कृषि के क्षेत्र में अनेक ऐसे काम हुए हैं जिनसे किसानों को फायदा हुआ है और किसानी उन्नत किसानी के रूप में तब्दील हुई है। जहां तक कानून का सवाल है ये कानून हड़बड़ी में नहीं लाए गए, इन कानूनों के पीछे एक लंबी एक्ससाइज देश में हुई है।

कल सरकार और किसानों के बीच बनेगी बात?

सरकार और किसान यूनियन के नेताओं के बीच 3 दिसंबर (गुरुवार) को विज्ञान भवन में बैठक होगी। बैठक में वही 35 किसान नेता शामिल होंगे जो 1 दिसंबर को बैठक में शामिल थे। दिल्ली सिंधु बॉर्डर पर किसान संगठनों ने बुधवार (2 दिसंबर) प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि सरकार छोटी समिति बनाकर मामला टरकाने की कोशिश कर रही है। किसान यूनियन के नेताओं ने कहा- केंद्र से बातचीत के लिए किसानों की छोटी कमेटी नहीं बनेगी। हम सात या दस पेज का मसौदा सरकार को भेजेंगे, सरकार नहीं मानेगी तो आंदोलन जारी रहेगा। किसानों ने मांग की कि संसद का विशेष सत्र बुलाकर कृषि क़ानून को रद्द करे।

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