Thursday, December 26, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. किसान संगठन ने अगले दौर की वार्ता 29 दिसंबर को करने के लिए 4 मुद्दों के साथ सरकार को भेजा प्रस्ताव

किसान संगठन ने अगले दौर की वार्ता 29 दिसंबर को करने के लिए 4 मुद्दों के साथ सरकार को भेजा प्रस्ताव

किसानों ने शनिवार को बताया कि सरकार के साथ 29 दिसंबर सुबह 11 बजे बातचीत का समय तय किया गया है। किसानों ने कहा कि सरकार किसानों के खीलाफ दुष्प्रचार बंद करे।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : December 26, 2020 22:22 IST
किसान आंदोलन: किसान 29 दिसंबर सुबह 11 बजे सरकार से बातचीत को तैयार
किसान आंदोलन: किसान 29 दिसंबर सुबह 11 बजे सरकार से बातचीत को तैयार

नई दिल्ली: केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने शनिवार को सरकार के साथ बातचीत फिर से शुरू करने का फैसला किया और अगले दौर की वार्ता के लिए 29 दिसंबर की तारीख का प्रस्ताव दिया है, ताकि नए कानूनों को लेकर बना गतिरोध दूर हो सके। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे 40 किसान यूनियनों के मुख्य संगठन संयुक्त किसान मोर्चा की एक बैठक में यह फैसला किया गया। 

किसान नेताओं ने यह स्पष्ट किया कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के तौर-तरीके के साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए गारंटी का मुद्दा सरकार के साथ बातचीत के एजेंडे में शामिल होना चाहिए। किसान नेता दर्शन पाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह भी तय किया गया है कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ 30 दिसंबर को किसान कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) राजमार्ग पर ट्रैक्टर मार्च का आयोजन करेंगे। 

पाल ने कहा, "हम दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों के लोगों से आने और नए साल का जश्न प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ मनाने का अनुरोध करते हैं।’’ एक अन्य किसान नेता राजिंदर सिंह ने कहा, "हम सिंघू से टीकरी से केएमपी तक मार्च करेंगे। हम आसपास के राज्यों के किसानों से अपनी ट्रॉलियों और ट्रैक्टरों में भारी संख्या में आने की अपील करते हैं। अगर सरकार चाहती है कि हम केएमपी राजमार्ग को जाम नहीं करें तो उन्हें तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा करनी चाहिए।’’ 

कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल को लिखे पत्र में मोर्चा ने कहा, "हम प्रस्ताव करते हैं कि किसानों के प्रतिनिधियों और भारत सरकार के बीच अगली बैठक 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे हो।’’ भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘जैसा कि सरकार हमारे साथ बातचीत के लिए तैयार है और हमसे तारीख और हमारे मुद्दों के बारे में पूछ रही है, हमने 29 दिसंबर को बातचीत का प्रस्ताव दिया है। अब, गेंद सरकार के पाले में है कि वह हमें कब बातचीत के लिए बुलाती है।" 

पत्र के अनुसार, प्रदर्शनकारी यूनियनों द्वारा प्रस्तावित एजेंडे में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आस-पास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग संबंधी अध्यादेश में संशोधन शामिल हैं ताकि किसानों को इसके दंडात्मक प्रावधानों से बाहर रखा जा सके। किसान यूनियनों ने यह भी मांग की है कि किसानों के हितों की रक्षा के लिए बिजली संशोधन विधेयक 2020 के मसौदे में बदलाव भी अगले दौर की बातचीत के एजेंडे में शामिल होने चाहिए। 

अग्रवाल ने पिछले दिनों प्रदर्शन कर रहे 40 यूनियनों को पत्र लिख कर उन्हें नए सिरे से बातचीत के लिए आमंत्रित किया था। दिल्ली की तीन सीमाओं - सिंघू, टीकरी और गाजीपुर में हजारों किसान लगभग एक महीने से डेरा डाले हुए हैं। वे सितंबर में लागू तीन कृषि कानूनों को पूरी तरह से रद्द करने और एमएसपी पर कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं। सरकार ने इन नए कृषि कानूनों को बड़े सुधार के रूप में पेश किया है, जिसका मकसद किसानों की मदद करना है। वहीं, प्रदर्शनकारी किसानों की आशंका है कि इससे मंडी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था खत्म हो जाएगी, जिससे उन्हें बड़े कॉरपोरेटों की दया पर निर्भर रहना पड़ेगा।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement