नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के मुद्दे पर किसान प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार के बीच विज्ञान भवन में पांचवें दौर की बातचीत जारी है। हालांकि, सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि किसानों और सरकार के बीच बातचीत से समाधान निकलने के आसार कम नजर आ रहे हैं। जहां कुछ किसान कृषि कानूनों की वापसी पर अड़े हैं वहीं सरकार कानून में संसोधन करने को तैयार है। सरकार ने किसानों से कानून वापस लेने की मांग के बजाय कानून में आपत्तियां बताने को कहा है।
सरकार की तरफ से साफ किया गया है कि तीनों कानूनों को पूरी तरह वापस नहीं लिया जा सकता। हालांकि सरकार किसानों के सुझावों पर विचार करने, बातचीत करने और संशोधन करने को तैयार है। किसानों और सरकार के बीच बातचीत में केंद्र सरकार ने किसानों की कुछ मांगों पर विाचर करने के संकेत दिए हैं। केंद्र सरकार के साथ पांचवें दौर की बातचीत में मौजूद किसान नेताओं लंगर से आया खाना खाया। पिछली बैठक की तरह इस बार किसान नेताओं ने फर्श पर बैठ कर खाना खाया।
तोमर ने कहा, मुझे उम्मीद है कि किसान सकारात्मक तौर पर विचार करेंगे और बैठक में निष्कर्ष निकलेगा। वहीं किसान संगठन अपनी बात पर अड़े हुए हैं और नए कृषि कानूनों को वापस लेने से कम कुछ मंजूर नहीं कह रहे हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों से शनिवार को कहा कि सरकार सौहार्दपूर्ण बातचीत के लिए प्रतिबद्ध है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने कहा कि 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता में अपने प्रारंभिक वक्तव्य में तोमर ने नये कृषि कानूनों पर प्रतिक्रिया का स्वागत भी किया।
बता दें कि, तोमर समेत तीन केंद्रीय मंत्री इस समय किसान नेताओं के साथ बातचीत कर रहे हैं। रेल, वाणिज्य और खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश भी बैठक में मौजूद हैं। सोम प्रकाश पंजाब से सांसद हैं। सूत्रों के अनुसार केंद्र की ओर से वार्ता की अगुवाई कर रहे तोमर ने अपने आरंभिक वक्तव्य में कहा कि सरकार किसान नेताओं के साथ सौहार्दपूर्ण बातचीत के लिए प्रतिबद्ध है और किसानों की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहती। कृषि मंत्री ने तीनों नये कृषि कानूनों पर प्रतिक्रियाओं का स्वागत किया।पीटीआई के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि बैठक में केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश ने किसान नेताओं से कहा कि सरकार पंजाब की भावनाओं को समझती है। हम उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए तैयार है।
गौरतलब है कि, नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन भी आज 10वें दिन जारी है। यमुना एक्सप्रेसवे पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बैरीकेड तोड़ कर दिल्ली की तरफ बढ़ने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने उग्र हुए किसानों को हिरासत में ले लिया है। विज्ञान भवन में चल रही पांचवें दौर की बैठक के दौरान किसान प्रतिनिधियों ने कहा कि वो इस मामले का समाधान चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वो अब और चर्चा नहीं चाहते और ये जानना चाहते हैं कि किसानों की मांगों पर सरकार ने क्या फैसला किया है। किसानों ने सरकार से दो टूक कह दिया गया कि अब आगे बातचीत नहीं होगी। किसानों ने साफ कर दिया है कि वे अपनी मांगों से टस से मस नहीं होंगे।
किसान प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार से पिछली बैठक के दौरान उठाए गए सवालों पर बिंदुवार लिखित उत्तर देने को कहा, जिसके लिए सरकार ने सहमति व्यक्त की है। सरकार अपने जवाब किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को उपलब्ध कराएगी। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, बैठक में किसानों ने कहा कि उन्हें इस पूरे विवाद का कोई हल/पक्का वादा चाहिए। उन्होंने कहा कि वे आगे चर्चा नहीं चाहते और यह भी नहीं जानना चाहते कि सरकार ने उनकी मांगों पर क्या फैसला किया है।