गाजीपुर बॉर्डर: सर्दियों की शुरुआत से ही तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने गर्मियों का मौसम आते देख आंदोलनकारियों के लिए क्रॉस वेंटिलेशन वाले टेंट तैयार किए हैं। इन टेंट्स की खास बात यह है कि इनमें से हवा आसानी से आर-पार हो सकती है और किसानों को रात में सोते समय गर्मी नहीं सताएगी। गाजीपुर बॉर्डर पर इन टेंटों के अलावा गर्मियों में जमीन की तपिश से बचने के लिए गांव में इस्तेमाल में होने वाले छप्पर तैयार किए जा रहे हैं, वहीं नीचे बिछाने के लिए देसी चटाई का इस्तेमाल किया जा रहा है।
‘ट्रालियों में लगे हुए हैं सोलर पैनल’
भारतीय किसान यूनियन (BKU) के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन ने बताया, ‘इन टेंटों की ऊंचाई बढ़ाई जा रही है, पहले ये टेंट बरसात और सर्दियों के कारण नीचे थे। गर्मियों के मतलब से टेंटों में वेंटिलेशन की व्यवस्था करेंगे, ताकि हवा क्रॉस होती रहे। पंखे और सोलर पावर का इस्तेमाल किया जाएगा। फिलहाल कुछ किसानों ने ट्रॉलियों में सोलर पैनल लगा रखे हैं। आंदोलन और किसानों को बचाने के लिए हमें जो भी करना पड़ेगा, वो सब करेंगे।’
‘रात में कूलर चलाकर सो सकते हैं’
राजवीर सिंह जादौन ने बताया कि तैयार हो रहे इन टेंटों को ऊंचा कर नीचे एक पारदर्शी जाली लगाई जा रही है, जो मच्छरों से बचाएगी और क्रॉस वेंटिलेशन का काम भी करेगी। पंजाब से हरविंद्र सिंह, सुखराज सिंह और गुरप्रीत सिंह भी 20 दिसंबर को गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे और यहां अब भी रह रहे हैं। वे एक ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर आए हैं, जिसमें गर्मियों से बचने की सभी व्यवस्था है। उनकी ट्रॉली में सोलर पैनल लगा है, जिससे वह रात में कूलर चलाकर सोएंगे।
किसानों को फ्रीज का पानी भी उपलब्ध
गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे कुछ लंगरों में अब फ्रिज का पानी भी दिया जाने लगा है, जिसके लिए लंगरों में बड़े-बड़े फ्रिज लगवाए गए हैं, जिनमें सब्जियां भी रखी जा रही हैं, ताकि गर्मी के कारण खराब न हों। तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से ही राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।