नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम किसान) का लाभ दिल्ली के किसानों को नहीं मिल पाने की सच्चाई को स्वीकार करते हुये इसके पीछे की वजह दिल्ली सरकार की ओर से संभावित लाभार्थी किसानों का ब्योरा नहीं मिल पाना बताया है।
कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने राज्यसभा में शुक्रवार को प्रश्नकाल में एक प्रश्न के पूरक जवाब में बताया कि किसानों को तीन समान किस्तों में सालाना 6000 रुपये की राशि देने वाली योजना का लाभ दिल्ली के किसानों को नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के किसानों को भी इस योजना का लाभ मिले, इसके लिये दिल्ली सरकार को योजना के लाभार्थियों का ब्योरा केन्द्र सरकार के साथ साझा करना चाहिये।
भाजपा के विजय गोयल ने दिल्ली के किसानों को पीएम किसान योजना का लाभ मिलने के बारे में पूछा था। रूपाला ने बताया कि दिल्ली के किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि राज्य सरकार ने संभावित लाभार्थियों के रूप में पंजीकृत किसानों का ब्योरा अभी तक मंत्रालय को नहीं भेजा है।
उन्होंने बताया कि मंत्रालय को यह ब्योरा मिलते ही दिल्ली के किसानों को इस योजना में मिलने वाली राशि जारी कर दी जायेगी। रुपाला ने कहा कि कृषि भूमि के मालिक किसानों का ब्योरा केन्द्र सरकार के साथ साझा करने में राज्य सरकारें बढ़ चढ़ कर रुचि ले रही हैं। लेकिन दिल्ली और पश्चिम बंगाल जैसे चुनिंदा राज्य ब्योरा नहीं दे रहे हैं।
उन्होंने दोनों राज्य सरकारों से लाभार्थी किसानों का ब्योरा केन्द्र सरकार के साथ साझा करने का अनुरोध किया। रुपाला ने बताया कि योजना में अधिकतम दो हेक्टेयर जमीन के मालिक किसानों को ही इस योजना में सम्मान राशि दी जाती है। सरकार ने अब उन 14.5 करोड़ किसानों को भी इसमें शामिल करने का फैसला किया है जो इस योजना में शामिल नहीं थे। रुपाला ने भूमिहीन या किराये पर जमीन लेकर खेती कर रहे किसानों को भी इस योजना में शामिल करने से जुड़े पूरक प्रश्नों के जवाब में कहा कि फिलहाल ऐसे किसान इस योजना के पात्र लाभार्थी नहीं हैं।