दिल्ली में मौसम अपने सबसे तीखे तेवर दिखा रहा है। पहली जनवरी से ठंड और कोहरे ने दिल्ली को अपने आगोश में लिया हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली में सर्दी के ये सख्त तेवर आने वाले एक हफ्ते और जारी रहेंगे। वहीं बीते 37 दिनों से किसान कृषि कानूनों के विरोध के लिए दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान टस से मस होने को तैयार नहीं हैं। आंदोलनकारी किसान कह रहे हैं कि हम सड़कों पर इतने सख्त मौसम के बीच भी अपने परिवार और घरों से दूर रह रहे हैं। हमें उम्मीद है कि सरकार कल हमारी मांगों को जरूर मान लेगी।
बता दें कि किसान हरियाणा सीमा पर सिंघु बॉर्डर से लेकर यूपी से सटे गाजीपुर बॉर्डर पर डटे हुए हैं। किसान यहां अपन ट्रक ट्रॉले से लेकर ट्रैक्टर तक लेकर आए हैं। किसान सड़कों में टैंट लगाकर रह रहे हैं। लेकिन रविवार सुबह की बारिश और तेज हवाओं में कई टैंट उड़ गए वहीं ट्रकों और ट्रैक्टरों पर बंधी तिरपाल से भी पानी चूने लगा।
संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसान नेता अभिमन्यु कोहर ने रविवार को कहा कि किसान जिन तंबूओं में रह रहे हैं वह वॉटरप्रूफ हैं लेकिन ये ठंड और जलभराव से उनका बचाव नहीं कर सकते। उन्होंने कहा, ‘‘बारिश की वजह से प्रदर्शन स्थलों पर हालात बहुत खराब हैं, यहां जलभराव हो गया है। बारिश के बाद ठंड बहुत बढ़ गई है लेकिन सरकार को किसानों की पीड़ा नजर नहीं आ रही।’’
सिंघू बॉर्डर पर डटे गुरविंदर सिंह ने कहा कि कुछ स्थानों में पानी भर गया है और समुचित जन सुविधाएं नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अनेक समस्याओं के बावजूद भी हम यहां से तब तक नहीं हिलने वाले जब तक कि हमारी मांगे पूरी नहीं हो जातीं।’’
मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली के कई इलाकों में भारी बारिश हुई तथा बादल छाए रहने और पूर्वी हवाओं के चलते न्यूनतम तापमान में वृद्धि हुई है। विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘सफदरजंग वेधशाला में न्यूनतम तापमान 9.9 डिग्री सेल्सियस तथा 25 मिमी बारिश दर्ज की गई। पालम वेधशाला में न्यूनतम तापमान 11.4 डिग्री तथा 18 मिमी बरसात दर्ज की गई। छह जनवरी तक बारिश के साथ ओले गिरने का अनुमान है।’’
नहीं मांगी मांगें तो 26 जनवरी को निकालेंगे 'किसान गणतंत्र परेड'
किसान आंदोलन का समन्वय कर रही 7 सदस्यीय समन्वय समिति ने शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी में अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार से कहा कि अगर किसानों की मांगें नहीं मानी गई तो दिल्ली के चारों ओर लगे मोर्चों से किसान 26 जनवरी को ट्रैक्टर ट्रॉली और अन्य वाहनों के साथ किसान गणतंत्र परेड करेंगे।
किसान नेताओं ने यह स्पष्ट किया कि यह परेड गणतंत्र दिवस की आधिकारिक परेड की समाप्ति के बाद होगी। साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से अब से 26 जनवरी के बीच अनेक स्थानीय और राष्ट्रीय कार्यक्रमों की घोषणा भी की गई। किसान प्रतिनिधियों ने कहा कि 26 जनवरी तक हमारे दिल्ली में डेरा डालने के दो महीने पूरे हो जाएंगे। हमने इस निर्णायक कदम के लिए गणतंत्र दिवस को चुना क्योंकि यह दिन हमारे देश में गण यानी बहुसंख्यक किसानों की सर्वोच्च सत्ता का प्रतीक है।
इस अवसर पर संयुक्त किसान मोर्चा ने अब से गणतंत्र दिवस तक आंदोलन को तेज और व्यापक बनाने के अनेक कार्यक्रमों की घोषणा की। इस आंदोलन को पूरे देश में गति देने के लिए 6 जनवरी से 20 जनवरी तक देश जागृति पखवाड़ा मनाया जाएगा।