नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज सोलहवां दिन है और किसान लगातार दिल्ली के बॉर्डर घेरकर बैठे हैं।वहीं किसानों के आंदोलन को हाईजैक करने की कोशिश हो रही है.। देश विरोधी काम करने वाले और भारत तेरे टुकड़े होंगे जैसे नारे लगाने वालों के समर्थक किसानों के मंच का इस्तेमाल कर रहे हैं। किसानों के मंच पर दिल्ली दंगे के आरोपियों के पोस्टर लगे हैं। दिल्ली के टीकरी बॉर्डर पर किसान यूनियन उगराहां गुट ने ये पोस्टर लगाए। इन पोस्टर में दिल्ली दंगे के आरोपियों उमर खालिद, शरजील इमाम और खालिद सैफी को रिहा करने की मांग की गई है।
किसानों की आड़ लेकर फिर से देश के माहौल को खराब करने की साजिश करने वाले पूरे एक्शन में हैं। किसानों के आंदोलन में शरजील इमाम और उमर खालिद के समर्थन में पोस्टर लहराए गए। देशद्रोह के इल्जाम में जेल में बंद शऱजील इमाम और उमर खालिद के समर्थन में नारे लगाए गए। ये एक साजिश के तहत सरेआम किया गया। धरने पर बैठे भोलेभाले किसानों को भी शरजील इमाम और उमर खालिद के पोस्टर्स थमा दिए गए। शायद ही किसी किसान को पता होगा कि वो कि किसकी तस्वीर लेकर बैठे हैं। जिसके पक्ष में वो नारे लगा रहे हैं...वो कौन है। जिस मंच के नीचे किसान शरजील इमाम और उमर खालिद के पोस्टर लेकर बैठे थे उस मंच पर शरजील इमाम के समर्थन में कुछ किसान नेता नारे लगा रहे थे।
दिक्कत इस बात की है कि कुछ किसान नेता ऐसे पोस्टर को सही बता रहे हैं। किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि पहले उमर खालिद, शरजील ने किसान आंदोलन का समर्थन किया तो अब किसान उन्हें सपोर्ट कर रहे हैं। हालांकि राकेश टिकैत ने दंगे के आरोपियों के पोस्टर को गलत बताया। किसानों का कहना है कि कुछ लोग किसानों की आड़ में अपना एजेंडा चला रहे हैं और ऐसे लोगों की पहचान की जा रही है।