केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के बॉर्डर पर बीते 20 दिनों से डेरा डाले प्रदर्शनकारियों के लिए आज अहम दिन है। दिल्ली के बॉर्डर जाम करने से पैदा हुई मुश्किलों के चलते सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई हैं। आज इसी अहम मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। सुप्रीम कोर्ट बताएगा कि किसान डटे रहेंगे या उन्हें हटना होगा।
बता दें कि नवंबर के आखिरी सप्ताह से पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर डटे हुए हैं। किसानों और सरकार के बीच आधा दर्जन बातचीत के दौर के बावजूद कोई टस से मस होने को तैयार नहीं है। किसान जहां अपनी मांगों पर अड़े हैं तो वहीं सरकार भी साफ कर चुकी है कि कानून किसी भी कीमत पर वापस नहीं होगा।
सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिकाएं दाखिल
सुप्रीम कोर्ट में किसान आंदोलन से जुड़ी अब तक तीन याचिकाएं दाखिल की गई हैं। कोर्ट बुधवार को मामले की सुनवाई करेगा। इस दौरान चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की बेंच सुनवाई करेगी। यह याचिका कानून की पढ़ाई कर रहे ऋषभ शर्मा ने दायर की है। याचिका में दिल्ली बॉर्डर से किसानों को हटाने की मांग की गई है। कहा गया है कि लोगों के इकट्ठा होने से कोरोना के संक्रमण का खतरा बढ़ेगा। याचिका में आगे कहा गया कि लोगों को हटाना आवश्यक है, क्योंकि इससे सड़कें ब्लॉक हो रही हैं। इमरजेंसी और मेडिकल सर्विस भी बाधित हो रही है।
सुप्रीमकोर्ट से केंद्र को निर्देश देेने की मांग
किसानों से जुड़ी एक और याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है। इस पर भी आज ही सुनवाई होनी है। अर्जी में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को किसानों की मांग पर विचार करने का निर्देश दे। याचिका में NHRC से किसानों पर हमले के संबंध में मानव अधिकार उल्लंघन से जुड़ी जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है।
आज नोएडा से जुड़ा चिल्ला बॉर्डर करेंगे ब्लॉक
किसान नेताओं ने मंगलवार को कहा कि वे बुधवार को दिल्ली-नोएडा के बीच चिल्ला बॉर्डर को पूरी तरह अवरुद्ध करेंगे। किसान नेता इंद्रजीत ने कहा कि आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को लोग 20 दिसंबर को गांवों, प्रखंडों में श्रद्धांजलि देंगे। संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए किसान नेता जगजीत डल्लेवाल ने कहा कि सरकार कह रही है कि वह इन कानूनों को निरस्त नहीं करेगी, हम कह रहे हैं कि हम आपसे ऐसा करवाएंगे। सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन में किसान नेताओं ने कहा कि लड़ाई ऐसे दौर में पहुंच गयी है, जहां हम जीतने के लिए प्रतिबद्ध हैं। किसान संगठनों के नेताओं ने कहा कि सोमवार को देश के 350 जिलों में हमारा प्रदर्शन सफल रहा, किसानों ने 150 टोल प्लाजा को ‘मुक्त’ कराया।
‘शहीद’ किसानों को श्रद्धांजलि
किसान नेताओं ने कहा कि अब तक विरोध प्रदर्शन के दौरान करीब 20 किसान ‘शहीद’ हो गए। प्रदर्शन शुरू होने के बाद से हर दिन औसतन एक किसान की मौत हुई। उन्होनें कहा कि हम वार्ता से नहीं भाग रहे, लेकिन सरकार को हमारी मांगों पर ध्यान देना होगा और ठोस प्रस्ताव के साथ आना होगा। किसान नेता ने कहा कि हमारे आंदोलन के सामने सरकार ने हार मान ली है। किसान के सामने सरकार टिक नहीं पाएगी, कृषि कानूनों को उन्हें वापस लेना ही पड़ेगा। किसान नेता ने कहा कि हम कानूनों में संशोधन नहीं चाहते। हम चाहते है सरकार इन काननों को वापस ले। किसान नेता ने कहा कि दुनिया भर से सरकार को फटकार पड़ेगी तब असर होगा।